एस. कुमार
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री सुजला योजना के तहत छत्तीसगढ़ में ई प्राक्योरमेंट निविदा न करके मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में करोड़ों का बंदरबांट करने के लिए मैनुअल ठेका दिया जा रहा है। दो वर्षों से क्रेडा में कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि रमन-अमन की जोड़ी किसानों को सौर ऊर्जा पंप देने के मामले में गड़बड़ी कर रही है। इस पर प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्रालय की चुप्पी समझ से परे है।
ये हैं केन्द्र के मंसूबे सुजला योजना के तहत 31 मार्च 2019 तक रियायती दरों पर पांच लाख सौर ऊर्जा चलित पंप लगाया जाना है। इसमें से 56 हजार पंप लगाने का काम छग सरकार के जिम्मे है। इसमें से मार्च 2018 तक 36000 पंप लगाए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में 20000 पंप लगाने के लिए मैन्यूअल टेंडर बुलाए गए हैं। इस पूरी योजना पर 649 करोड रुपए खर्च होने है. केन्द्र के डिजिटल नियम केन्द्रीय मंत्रालयों एवं सार्वजनिक उपक्रमों के लिए नियम है कि दो लाख से अधिक के ठेके आन लाइन होंगे जिसका कि मुख्यमंत्री के अधीन क्रेडा में 20 लाख से अधिक के टेंडर मेनुवल देकर उल्लघंन किया जा रहा है। संविदा भर्ती के रूप में पदस्थ ऊर्जा सचिव अमन सिंह ने क्रेडा में आज तक आनलाइन टेंडर नहीं किया है। 6 अप्रैल 2018 को प्री बीड मीटिंग में कई कंपनियों ने इस प्रक्रिया का विरोध भी किया है।
मंत्री की सिफारिश,नियम रददी में केन्द्र के अनुसार टेंडर भरने वाली कंपनी को तीन वित्तीय वर्ष में टर्न ओवर कुल टेंडर का बीस प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन यहां सिर्फ पांच करोड़ के टर्न ओवर की शर्त रखी गई है। इतना ही नहीं यहां केवल एसी पम्प ही खरीदे जा रहे हैं जबकि नियम के अनुसार एसी और डीसी पंप , आधे आधे मध्यप्रदेश सरकार की तरह खरीदे जाने थे। क्योंकि डीसी पंप की गुणवत्ता के मद्दे नजर सरकार ज्यादा अनुदान भी दे रही है। इस बारे में कृषि एवं सिंचाई मंत्री के विभागीय पत्र को भी दरकिनार कर दिया गया। एसी-डीसी पंप की तकनीकी रिपोर्ट तकनीकी जानकारों के अनुसार डीसी पंप ऊर्जा की बचत तो करते ही हैं साथ में इनको सुबह से और एसी पंप दोपहर बाद ही उपयोग में लाया जा सकता है। एसी कीतुलना में डीसी पंप में रिवाइन्डिग की आशंका कम और प्रेशर ज्यादा होता है। जो ड्रिप ओर स्प्रीकंलर के लिए लाभदायक है। यह आकार और वजन में कम होने की वजह से चार इंच बोर में, दुर्गम क्षेत्र में, कीचड़ और मिट्टीयुक्त पानी में लाभदायक है। केन्द्र जवाब देने से कतराया केन्द्रीय मंत्री राजकुमार सिंह से इस बारे में बात करने की कोशिस की गई तो उनके अधीनस्थ कतराने लगे। योजना प्रभारी आईएएस आनंद कुमार अवकाश पर हैं। छग क्रेडा प्रभारी अंकित आनंद ने फोन नहीं उठाया। इससे लगता है कि पूरे छत्तीसगढ़ में कंपनी विशेष के एसी पंप की सप्लाई कराने के लिए दाल में काला नहीं अपितु पूरी दाल काली कर दी गई है।