काबरा बने प्रेस क्लब के पहुना..
बिलासपुर. प्रेस क्लब के विशेष आयोजन हमर पहुना में रेंज के आईजी दीपांशु काबरा ने शिरकत की और पत्रकारों से अनुभव साझा किया. एक छात्र जीवन से आईपीएस अफसर बनने तक कि रोचक बातो को बया किया।
‘पहुना की सेल्फी’
गुरुवार को प्रेस क्लब के हमर पहुना कायर्क्रम में गेस्ट बने आईपीएस अफसर दीपांशु काबरा का प्रेस क्लब के अध्यक्ष तिलक राज सलूजा और उनकी टीम ने वेलकम किया। 97 बैंच श्री काबरा ने बताया कि वे भी कम उम्र में आईपीएस अफसर बनने की लिस्ट में शामिल है। प्रेस क्लब के मेहमान बने आईजी ने बताया कि मूलतः नागपुर निवासी है . उनके पिता बीबी काबरा ने माइनिंग इंजीनियर रहते रायपुर और जशपुर में अपनी सेवाएं दी. उनका एक भाई नागपुर तो दो बहनें जो रायपुर और बिलासपुर में ब्याही है।अपने छात्र जीवन को कुछ रोचक बातो को श्री काबरा ने पत्रकारों से साझा किया और बताया कि शुरू में पढ़ाई के दौरान उनके अच्छे रैंक नही आते थे लेकिन धीरे धीरे वह आगे हुए। दो मित्रो के साथ जोग्राफि व मेंस की तैयारी की और 85 वा रैंक हासिल कर सब से कम उम्र के आईपीएस अफसर बने। हमर पहुना कार्य्रकम में श्री काबरा ने बताया कि उनकी पहली पोस्टिंग अविभाजित एमपी के भोपाल में हुई जिसके बाद जॉब का सिलसिला चल पड़ा। 20 साल की जॉब में उन्होंने भाटापारा में एसडीपीओपी की कुर्सी संभाली तो वही छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद राज्यपाल के पहले एडीसी बने इसक बाद राजधानी से लेकर राज्य के कई जिलों में एसपी और फिर आईजी भी रह चुके है।
पापा ने कहा-तब की कोशिश..
श्री काबरा अपने आईपीएस अफसर बनने का जितना श्रेय गिने चुने दोस्तो को देते है उससे कही ज्यादा पिता की भूमिका को अहम मानते हैं उन्होंने बताया कि उनके पिता जॉब के दौरान कलेक्टर और एसपी को देखते थे जिसके बाद उन्होंने तय किया कि एक बेटे को बड़ा अफसर बनाने मार्ग तय करूँगा जिसके बाद पिता के सपने को साकार करने श्री काबरा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और जुट गए आगे की तैयारियों के लिए।
जैसा पब्लिक चाहे वैसी पुलिसिंग..
पुलिसिंग के सवाल पर आईजी दीपांशु काबरा ने बड़े सरल अंदाज में कहा कि मत और मन जैसा पब्लिक चाहे वैसी पुलिसिंग करना बेहतर है।उन्होंने डॉक्टर से पुलिस की तुलना की और कहा कि जैसे हर मरीज डॉक्टर से कभी संतुष्ट नही होता वही हाल पुलिस का है। ट्रैफिक की व्यवस्था अकेले पुलिस का काम हक बल्कि सब की जिम्मेदारी है समाज मे अपराध तो होंगे ही नही तो पुलिस का क्या काम बिलासपुर के लोग और संगठन काफी अच्छे हैं मगर यहा शिकायतो की भरमार है। प्रेस क्लब के मेहमान बने आईजी ने कहा इनपुट दो करवाई लो ट्रांसफर तो होता रहेगा।