बिलासपुर. प्रदेश मे एडीजी पवन देव पर महिला कांस्टेबल से यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर हाईकोर्ट में पीड़िता खुद वकील के सा थ आई. इस पर चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने विशाखा कमेटी की रिपोर्ट पर नियमानुसार 45 दिनों में IPS देव पर कार्रवाई करने का आदेश केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को दिया है.
एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर के आईजी IPS पवन देव पर मुंगेली की महिला कांस्टेबल को देर रात अपने बंगले पर बुलाये जाने और फोन पर अश्लील बातें करने का आरोप सिद्ध होने के बाद मंगलवार को एक बार फिर इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की गई.चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन और जस्टिस शरद गुप्ता की डबल बैंच को एडीजी के वकील सुनील ओटवानी ने दलील दी कि पीड़िता की ओर से दायर किया गया यह मुकदमा जनहित याचिका के दायरे में नहीं है. साथ में विशाखा कमेटी का गठन नियमानुसार नहीं किया गया है. पीआईएल में जो हस्ताक्षर हैं, वो पीड़िता के नहीं हैं.इधर पीड़िता के वकील ने महिला कांस्टेबल को कोर्ट के समक्ष खड़ा कर अपना तर्क दिया. दोनो पक्ष को सुनने के बाद डबल बैंच ने एडीजी पवन देव के वकील के तर्क से असंतुष्टी जाहिर की और 45 दिनों के भीतर विशाखा कमेटी की रिपोर्ट पर नियमानुसार एडीजी पर करवाई करने केंद्र सरकार राज्य के डीजीपी और गृह सचिव को आदेशित किया है. इस मामले मे शासन की ओर स महाधिवक्ता जे के गिल्डा पैरवी कर रहे थे
ये था मामला
*छत्तीसगढ़ सरकार के एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव पर मुंगेली की एक महिला आरक्षक से फोन पर अश्लील बातें कर देर रात अपने बंगले बुलाने का आरोप सुर्खियों में आया.
*इसके बाद आईएएस रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में बनी आंतरिक जांच कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराई गई.इसमे पवन देव पर लगे सभी आरोपों को सही पाया गया.