रायपुर. केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर में हाई पाॅवर कमेटी बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने कहा कि पुलिस के माॅर्डनाईजेशन से प्रकरणों की जांच शीघ्र होती है और पीड़ितों को जल्द न्याय मिलता है। यह छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्यकुशलता है जिसकी वजह से हमने अपहृत व्यापारी को सुरक्षित छुड़ा लिया।
हाई पाॅवर कमेटी बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्रालय के एडिशनल सेके्रटरी (पुलिस माॅर्डनाईजेशन)विवेक भारद्वाज ने की।
इस मीटिंग में 8 राज्य छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मिजोरम और नागालैंड के पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक एक्सपर्ट शामिल हुए। हाई पाॅवर कमेटी मीटिंग में पुलिस के माॅर्डनाईजेशन पर राज्यों से विचार विमर्श कर विचार मांगे गये। बैठक में विभिन्न राज्यों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से अत्याधुनिक हथियार, तकनीकी उपकरण और विशेष साॅफ्टवेयर के संबंध में अपने प्रस्ताव रखे। राज्यों के पुलिस अधिकारियों और फोरेंसिक एक्सपर्ट ने जांच के लिये अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब, फोरेंसिक रिकवरी और एनालिसिस साॅफ्टवेयर की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके साथ ही सायबर क्राईम इन्वेस्टिगेशन टूल किट, थर्मर इमेजर, इन्टरनेट एविडेंस फाईन्डर, टाॅवर सर्वर, फायरिंग सिमुलेटर की जरूरत पर बल दिया। गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया कि पुलिस के माॅर्डनाईजेशन के लिए राज्यों की जो भी आवश्यकताएं होंगी, उन पर विचार कर जल्द से जल्द प्रस्तावों को स्वीकृति दी जायेगी।