बिलासपुर.मस्तुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 127 ग्राम पंचायत शामिल है। इन में से एक भी ग्राम पंचायत का कार्यकाल भ्रष्टाचार से अछुता नही है। त्रिस्तरीय पंचायत की व्यवस्था में करोड़ों के घपलों का दुष्परिणाम भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रत्याशी को उठाना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि जनपद अध्यक्ष एक समय पर स्वयं टिकट की दावेदार थी किन्तु उन्हे टिकट नही मिली और टिकट उन्हें ही मिली जिन्हें इस क्षेत्र की जनता ने वर्ष 2013 में नकार दिया था तथा 24 हजार से अधिक मतो से यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की करारी शिकस्त हुई थी। मस्तुरी में जोंधरा से खोंदरा तक एक भी ग्राम पंचायत ऐसी नही है जहां पर पेंशन घोटाला, मनरेगा घोटाला, पीडीएस, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास निर्माण से लेकर सरोवर हमारी धरोहर, एलईडी तक में हजारों रुपये की गड़बड़ी ना हुई हो।
वही महिला एवं बाल विकास विभाग में भी भाजपा और वर्तमान प्रत्यशी के करीबी माने जाने वाले एक जिला पंचायत सदस्य ने जमकर घोटाला किया जिसमें रेडी टू इट वितरण में जमकर भर्राशाही हुई इधर अवैध उत्खनन मामले में भी डॉ बाँधी के नजदीकी लोगो ने कोई कसर नहीं छोड़ी जहा गतौरा खार को खोद कर गड्ढा कर दिया वही सीपत इलाके में भी नदी से लीलागर नदी का जमकर दोहन किया गया जनपद पंचायतों में सरकारी तालाबों को षड़यंत्र के साथ ना केवल पाट दिया गया बल्कि उन्हें रिकार्डो में हेर-फेर कर बेच भी दिया गया।
आज जब विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के नेता जनता से वोट मांगने जाते है तब जनता का पहला प्रश्न इन्ही सब अव्यवस्था को लेकर उठता है। कांग्रेस के प्रत्याशी के पास इन सब बातों का आसान सा जवाब है मैं आपका निर्वाचित विधायक था मैने कभी भी इस भ्रष्टाचार में ना तो स्वयं को शामिल किया ना ही सरोकार रखा। जब कभी भी ऐसी कोई जानकारी मिली उचित मंच पर इसकी शिकायत की और मेरे ही प्रयास का परिणाम था कि पेंशन घोटाला उजागर हुआ।