बिलासपुर.इस बार मस्तूरी विधानसभा में बीजेपी की जीत को लेकर सस्पेंस चल रहा है पार्टी से टिकिट पाने काफी लोग अपनी उम्मदवारी दिखा रहे है वही पिछले चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस के बाद भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी और बसपा तीसरे नंबर पर थी. हालांकि, बीजेपी की बूथ स्तर से तैयारी चल रही है लेकिन उम्मीदवार को लेकर उसके सामने मुश्किल है. क्योंकि पार्टी में टिकट के दावेदार अधिक हैं.
राजनीतिक जानकारों की माने तो जिले के मस्तूरी विधानसभा सीट को पाने के लिए इस बार बीजेपी, जोगी कांग्रेस और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होगी ऐसा माना जा रहा है फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है और दिलीप लहरिया इस सीट से विधायक के पद पर काबिज है।
मस्तूरी पिछले 2 पंचवर्षीय बीजेपी के कब्जे में रही है लेकिन पिछली बार मतदाताओं ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. 1998 से लगातार यहां बीजेपी जीत रही थी, लेकिन 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा उलट फेर कर दिया.
इस बार भी टक्कर भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों व जोगी कांग्रेस के बीच में मानी जा रही है. तीनो ही दल तकरीबन बराबर स्थिति में हैं. विकास कार्य ना होने के कारण लोग विधायक दिलीप लहरिया से नाराज चल रहे हैं।
वही पिछले चुनाव में भाजपा के बाद बसपा तीसरे नंबर पर रही थी और जोगी कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व ही नही था।
फिलहाल बीजेपी की बूथ स्तर से तैयारी चल रही है लेकिन उम्मीदवार को लेकर उसके सामने मुश्किल है. क्योंकि पार्टी में टिकट के दावेदार अधिक हैं.
दूसरी बात यह कि इस सीट पर भाजपा नेता व अनुसूचित जाति मोर्चे के जिला उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सूर्या का भी अच्छा ख़ासा प्रभाव देखने को मिल रहा है यदि सूर्या इसी तरह सक्रिय रहे तो भाजपा को सीधा लाभ मिल सकता है. यहां सबसे ज्यादा सूर्यवंशी समाज के लोग है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के मतदाता के वोट भी बड़ा फेरबदल कर सकते हैं. जिनके बीच भी सूर्या काफी सक्रिय है उनकी सक्रियता को देख क्षेत्र के लोगों में काफी चर्चाएं भी है।
जौहर भी भर रहे दम खम..
मस्तूरी विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से थानेदारी को अलविदा कर मैदान में इस बार जी एस जौहर भी है।पुलिस विभाग में रहते हुए क्षेत्र में सक्रिय श्री जौहर भी पार्टी से टिकिट लाने की जुगत में है।स्थानीय होने के चलते जी एस जौहर भी लगातार जनता से मिल कर अपनी पकड़ मजबूत कर चुनाव लड़कर जीत का दम खम भर रहे है एक तरफ वो दावेदारी में लगे है तो दूसरी ओर बताया जा रहा है कि हाल ही में स्क्रीनिंग कमेटी के सामने कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं और क्षेत्र की जनता ने उनका विरोध भी किया है।