रायपुर.पत्रकारों के साथ छल-प्रपंच करने में कोई भी पीछे नहीं है तो फिर सरकार धोखाधड़ी का काम कैसे नहीं करती। राजधानी के कुछ पत्रकार सस्ते दर पर मकान चाहते थे। पत्रकारों के एक दल ने मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह से भेंट की। चुनाव की बेला में मुख्यमंत्री ने नगर निगम के कमिश्नर को बुलाया और कहा दिया कि पत्रकारों को मकान देना है।
बस… फिर क्या था निगम के कमिश्नर ने थमा दिया शहरी गरीबों के लिए बनाए गए मकान का फार्म। हर फार्म का तीन सौ रुपया लिया जा रहा है और साथ में तीस हजार का चेक। कुछ ही दिनों में राजधानी के पत्रकारों को एक मुर्गी का दड़बा आवंटित कर दिया जाएगा।
बहरहाल पत्रकारों से शपथ पत्र भी भरवाया जा रहा है। पत्रकारों को शायद यह नहीं मालूम होगा कि जिन मकानों को बीएसयूपी योजना यानि शहरी गरीबों के लिए बनाया गया है उन पर वे नहीं रह सकते। अगर किसी ने कोई केस ठोंक दिया तो पत्रकारों को लेने के देने पड़ जाएंगे। बहरहाल सरकार के द्वारा की गई इस ठगी की जमकर चर्चा है।