हादसे में गंवाया पैर, टंकधर को नहीं मिली सरकारी मदद, पीएम और सीएम के नाम लिखा पत्र

गरियाबंद। सड़क हादसे में देवभोग के घायल टंकधर को सरकारी मदद नहीं मिली है. उसने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है. जिसमें उसने बताया पांव टूटा तो पत्नी छोड़ गई, इलाज कराने लिए कर्ज बूढ़े मां-बाप चुका रहे हैं. तहसील से मिलने वाला 10 हजार भी फाइलों में लटका हुआ है. जिलेभर में सहायता के लिए राजस्व विभाग में दर्ज 64 मामले के 13.30 लाख का भुगतान अब तक नहीं हुआ. इसपर एडीएम ने कहा कि स्वीकृत मामले का राशि मंगलवार को मिला, आज तहसील को आबंटित हो जाएगा.

झराबहाल निवासी 35 वर्षीय युवक टंकधर यादव पिता मायाराम 22 अगस्त 2022 को सड़क हादसे का शिकार हो गया. काम से घर लौटते वक्त नेशनल हाइवे में डोहेल के बाइक चालक ने पीछे से ठोक दिया. मामले में देवभोग पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत 05 नवंबर को अपराध भी पंजीबद्ध किया है. घटना में दाहिना पैर के नश कट गया. रुपए पर्याप्त नही थी, इलाज सही नहीं मिल सका तो घटना के 15 दिन बाद पांव काटना पड़ा. रायपुर के निजी अस्पताल में 20 दिन इलाज चला, घर लौट कर आया तो पत्नी साथ छोड़ कर भाग गई थी. बुजुर्ग पिता माया राम ने कर्ज लेकर इलाज कराया. उपचार में डेढ़ लाख से ज्यादा खर्च हो गए थे. मजदूर परिवार को इसके लिए कर्ज लेना पड़ा. टंकधर भी हमाली काम करता था, लेकिन पांव गवाने के बाद अब बूढ़े मां बाप पर निर्भर है.पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम विष्णुदेव साय के नाम टंकधर ने पोस्टकार्ड में अपनी व्यथा बता कर पत्र लिखा है. जिसे जल्द पोस्ट करने वाला है. पत्र में पीड़ित ने लिखा है की सड़क हादसे के बाद से पांव गवाने के बाद वह अब हमाली मजदूरी का काम तक नही कर पा रहा है.बीमार हालत में पत्नी छोड़ कर चल दी है.इलाज में खर्च हुए रुपए में अब भी 40 हजार का कर्ज बकाया है. डेढ़ साल पहले बीमार भाई की भी मौत हो गई.अब परिवार का गुजारा व कर्ज का बोझ बूढ़े मां बाप के ऊपर है.राजस्व विभाग से मिलने वाला आर्थिक सहायता 10 हजार अब तक नही मिला है. मदद नही मिला तो मौत को गले लगाने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नही बच गया है. कृपया मदद करे.

जिले में सहायता राशि के 64 प्रकरण दर्ज 13.30 लाख बकाया

जिले के 5 तहसील में वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक कूल 64 प्रकरण दर्ज किया गया है. जिसमे 46 मृतक के परिजनों के प्रति उत्तराधिकारी की 25 हजार के मान से 11.50 लाख व प्रति घायलों को 10 हजार के मान से 1.80 लाख मिलाकर कूल 13.30 लाख का भुगतान बकाया है. विभाग चाहती तो जरूरत मंद को यह राशि डीएमएफ के अतरिक्त अन्य मदो से भी भुगतान कर सकती थी. लेकिन इन्हे दिए जाने वाले सहायता के मद में पिछले कई महीनों से राज्य सरकार ने भी रुपए नही भेजा.उल्लेखित प्रकरण केवल मई जून 2023 तक के है.उसके बाद जिले में और भी सड़क हादसे हुए है जिनके रिकार्ड थाने में तो दर्ज है लेकिन राजस्व के सहयाता राशि के लिए कोई प्रकरण नही बनाए जा सके हैं. पीड़ित टंकधर की अपील के बाद से सामने आए यह आंकड़े न केवल चौकाने वाले है बल्कि शासन प्रशासन के सवेदन शीलता पर भी कई सवाल खड़ा करता है.

बीते साल 256 सड़क हादसे में 92 ने गंवाई जान,310 घायल हुए

पुलिस द्वारा प्राप्त आंकड़े बताते है कि 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक 256 सड़क हादसे हुए, जिसमे 92 लोगो ने अपनी जाने गंवाई, 310 घायल हुए. समाजिक सुरक्षा कल्याण योजना के तहत सड़क दुर्घटना में मृत प्रत्येक नागरिक के परिजन को 25 हजार व घायल को 10 हजार देने के प्रावधान है. पुलिस में दर्ज मामले के अनुपात में राजस्व विभाग द्वारा दर्ज प्रकरण काफी कम है. मामले में एडिशनल एसपी डीसी पटेल ने कहा की ऐसे बड़े हादसे जो राजस्व अफसरों के सज्ञान में आया तो उसमे प्रार्थी के मांग के बिना ही सहायता के लिए राजस्व प्रकरण दर्ज किया जाता है.छोटे मामले में पीड़ित पक्ष को मांग से अवगत कराना होता है. अज्ञानता वश कई मामले में पीड़ित इस सहायता को नही ले पा रहे.

एडीएम गरियाबंद,अविनाश भोई ने बताया कि

प्रकरण के लिए पूर्व में जितनी राशि जारी हुई थी तत्काल भुगतान किया गया था. दर्ज कूल प्रकरण में जो स्वीकृत हो चुके थे उनके लिए मंगलवार को 23 लाख 15 हजार का आबंटन साशन से प्राप्त हुआ है. तत्काल उसे समस्त तहसीलदार को वितरण के लिए आज जारी किया जा रहा है.

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