बिलासपुर.अवमानना के एक मामले में सात बार नोटिस दिए जाने के बाद भी पेश नही होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकंडा थाने के तात्कालीन टीआई और वर्तमान एसडीओपी सारंगढ अनिल तिवारी समेत दो अन्य लोगों को न्यायालय में पेश होकर जवाब देने को कहा है।
मालूम हो कि सामाजिक कार्यकर्ता और जनता कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मणिशंकर पान्डेय के खिलाफ सरकन्डा थाना में शिकायत पर ब्लैकमेलिंग का अपराध दर्ज किया गाया। बाद में मामले में मणिशंकर पाण्डेय को जमानत मिल गयी। अग्रिम जमानत देते हुए कोर्ट ने प्रोसेडिंग प्रक्रिया होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा।
बावजूद इसके तात्कालीन सरकन्डा थाना प्रभारी अनिल तिवारी एक दिन देर शाम रजिस्ट्री कार्यालय के सामने से मणिशंकर पान्डेय को जबरदस्ती उठाकर थाना ले गए। इस दौरान मणिशंकर ने गिरफ्तारी कार्यवाही का विरोध किया। तिवारी ने बताया कि जमानत आदेश निरस्त हो चुकी है। इसलिए अधिकारी के आदेश पर गिरफ्तार किया जा रहा है। सफाई दिए जाने के बाद भी थानेदार ने मणिशंकर को चार घंटे थाने में बैठाकर रखा। मणिशंकर ने समझाने का प्रयास किया कि जमानत कार्यवाही निरस्त नहीं किया गया है। बावजूद इसके थानेदार नहीं माना। करीब चार घंटे बाद वकील ने जब जमानत दस्तावेज दिखाया तो मणिशंकर को थाने से रिहा किया गया।
दूसरे दिन एक अखबार में मणिशंकर की जमानत खारिज को लेकर समाचार का प्रकाशन किया गया। मणिशंकर ने जमानत मिलने के बाद भी गिरफ्तारी और खबर के झूठे प्रकाशन पर हाईकोर्ट में आदेश की अवहेलना का मामला दायर किया। मामले में तीन लोगों को पक्षकार बनाया। याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में तीनो पक्षकारों को जवाब पेश करने को कहा। बावजूद इसके तीनों पक्षकारों ने सात बार नोटिस जारी के बाद भी जवाब पेश नहीं किया।
लगातार नोटिस दिए जाने के बाद भी हाईकोर्ट को जवाब मिलने से नाराज जस्टिस आर सी सामंत के सरकंडा के तात्कालीन थानेदार और वर्तमान डीएसपी सारंगढ़ अनिल तिवारी को एक सप्ताह के अन्दर न्यायालय में पेश होकर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए अन्य दोनों पक्षकारों का जवाब लेने से इंकार करते हुए बताया कि अब तीनों पक्षकार एक साथ कोर्ट में पेश होकर एक सप्ताह के अन्दर जवाब प्रस्तुत करें