RIL,(omgnews.co.in)बाजार पूंजी के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ( लगातार कंज्यूमर सेक्टर में कंपनियों पर कंपनियां खरीदे जा रही है. रिलायंस ने पिछले एक साल में करीब 289 अरब रुपये के 12 सौदे किए हैं. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि आखिर क्या है रिलायंस और मुकेश अंबानी की योजना?
जेफेरीज ग्रुप एलएलसी और ब्लूमबर्ग द्वारा जारी गणनाओं के मुताबिक पिछले एक साल में रिलायंस ने कंपनियों की खरीद के 12 सौदे किए हैं. असल में देश के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी अब कंज्यूमर बिजनेस पर फोकस कर रही है.
यही नहीं, इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अंबानी ने कई तंगहाल कंपनियों को खरीद कर उन्हें संकट से उबारने की दिशा में काम किया है. इनमें एक कपड़ा कंपनी, एक कार्बन फाइबर कंपनी और कर्ज में डूबी एक टेलीकॉम कंपनी का वायरलेस एसेट शामिल है.
अखबार के अनुसार, पहले रिलायंस की पहचान एक पेट्रोलियम रिफाइनरी कंपनी के रूप में रही है. उसने भारत में दुनिया का सबसे बड़ा तेल रिफाइनरी परिसर बनाया है. लेकिन अब मुकेश अंबानी टेलीकॉम, रिटेल और मीडिया सेक्टर की कंपनियों को आगे बढ़ाते हुए उन्हें अच्छे मुनाफे में लाना चाहते हैं. कंपनी ने इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित एजुकेशन से जुड़ी कंपनी खरीदी है, जिससे वह रिलायंस जियो इन्फोकॉम के डिजिटल पेशकश को एकीकृत कर सकती है.
मुंबई के फर्म के.आर. चोकसी शेयर्स ऐंड सिक्यूरिटीज के एमडी देवेन चोकसी के मुताबिक, ‘कंपनी यदि खुद ही पर्याप्त कंटेन्ट तैयार करने में सफल रही तो यूजर्स को उसके नेटवर्क का फायदा मिलेगा.चोकसी के मुताबिक रिलांयस ने कई कर्ज के बोझ से लदी कंपनियों को खरीदा है जिनके ऊपर करीब अरबों डॉलर’ का कर्ज बोझ है.
कुल मिलाकर रिलायंस अब तक टेलीकॉम, रिटेल, पेट्रोकेमिकल्स और रियल एस्टेट में करीब 53 अरब डॉलर (करीब 3642 अरब रुपये) का निवेश कर चुकी है. सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस ने 36 अरब डॉलर (करीब 2474 अरब रुपये) का निवेश किया है.