‘विजया पाठक’
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में इस वक्त सीबीआई की गिरफ्त में हैं। कोर्ट ने चिदंबरम को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।अब इस मामले में चिदंबरम के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।साथ ही दूसरे मामलों को लेकर भी सुनवाई होनी है। दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार को सीबीआई और ईडी से जुड़े मामले की सुनवाई होगी। ये सारा मामला इस समय सुर्खियों में है। मीडिया से लेकर राजनैतिक गलियारों में सिर्फ एक ही चर्चा है और वह है चिदंबरम पर कानून का शिकंजा कंसा मेरा इस मामले में नजरिया कुछ अलग है। चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई,पेशी हुई, आगे की कार्रवाई सुनिश्चित हुई।
चिदबंरम का यह मामला कानूनी पक्ष से हटकर राजनैतिक मामला ज्यादा है क्योंकि बडा दिलचस्प है कि जिस मामले में चिदंबरम का नाम तक नही है उस मामले में उन्हें ऐसे गिरफ्तार किया गया है जैसे चिदबंरम ने कोई बडा अपराध किया हो। कार्रवाई करनी थी तो चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदबंरम पर की जाती, जिसकी यह कंपनी है। सीबीआई और ईडी ने पूरी ताकत झोंककर यह करवाई की मेरी नजर में यह मोदी सरकार की बदले की करवाई भर है क्योंकि जिस समय यूपीए सरकार में चिदबंरम देश के गृहमंत्री थे, उस समय वर्तमान के गृहमंत्री अमित शाह को एक मामले में ऐसे ही गिरफ्तार किया गया था। यह उसी का बदला है।
मैं भष्ट्राचार के समर्थन में नही हॅू। यदि कोई कानून के दायरे से बाहर कार्य करता है तो निश्चित ही उस पर करवाई होनी चाहिए लेकिन जिस तरह से चिदंंबरम पर करवाई की गई वह तरीका गलत है। चिदंंबरम कोई भगोडे नही है। वह राजनीति के बडे नेता है, पारिवारिक स्तर पर संपन्नं और जानी-मानी हस्ती हैं। उनका पूरा परिवार कहीं न कहीं कारोबार से जुडा है। उनके पिता पलनियप्पा चेतियार लेफ्टिनेंट कर्नल थे। आज़ादी से पहले भी कपड़ा मिल और चाय बाग़ान थे। उनके दो भाई बड़े उद्योगपति हैं। चिदंंबरम और उनके बेटे कार्ति पेशे से वकील हैं। मतलब पूरा परिवार कमाता है।