छत्तीसगढ़ में शराब माफिया से बडा माफिया शिक्षा माफिया

भूपेश बघेल जी को स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ करने के लिये आ के.पी.एस. स्कूल प्रदेश में शिक्षा के नाम पर एक बड़ा मॉल चला रह ई.डी. एवं जी.एस.टी. विभाग शिक्षा विभाग उचित कार्यवाही कर न्याय करें।

रायपुर. प्रेस क्लब रायपुर में पत्रकार वार्ता में रिपब्लिकन पार्ट (अम्बेडकर) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. गोजूपाल ने प्रदेश के मुखिया भूपेश प्रदेश में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर द्वारा प्रदेश में मनमानी रूप से हर समूह द्वारा स्कूल के सामानों का अन्य अन्य प्रकारों से विक्रय करना ही मुख्य उद्देश्य हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन को तत्काल चाहिये। इस समस्त भ्रष्टाचार पर ई.डी. एवं जी.एस.टी. विभाग द्वारा चाहिये। शासन को समस्त स्कूलों में पालक समिति का गठन किय प्रदेश के अधिकांश शिक्षण संस्था बी.जे.पी. के नेताओं एवं बाहर के उ संचालित है। छत्तीसगढ़िया का महत्व नहीं है। डॉ. पाल ने आगे कहा कि कोरोना काल में ही शिक्षण संस्थाउ के बहाने फीस वसूला गया। पालकों को कोई राहत नहीं दिया गया के सबसे बडी शिक्षण संस्था जो कि शासन के नीतियों को ताक स्कूल को एक मॉल की तरह संचालित कर रहा है, जिसका नाम व है, इस स्कूल में कॉपी, किताब, स्कूल ड्रेस, स्कूल कोर्ट एवं इस स तरह बेचा जाता है कि प्रदेश के कोई भी अन्य जगह उपलब्ध किताबें भी इन्हीं के स्कूल के दुकानों में ही मिलता है यहाँ तक क्यादि इन्हीं के नुमाईदों के मिलता है। यहाँ तक कि सेनेटरी नैपकिन को भी 5/- रू. में बेचा जाता है, छाता रेनकोर्ट को भी बेचा जाता है इनका बस चले तो स्कूल व कोचिंग सेंटर में ही डिपार्टमेंटल दुकान खोल ले। पण्डरी में जगदम्बा स्टोर के नाम से के पी.एस का डिपार्टमेंट स्टोर चल रहा है। सब स्कूलों का बस भाड़ा भी अलग-अलग प्रकार से लिया जाता है। स्कूलों में बच्चों को सुबह 700 बुलाया जाता है बच्चों को सुबह 6:00 बजे उठकर तैयार होना पड़ता है यह भी एक मानसिक प्रताड़ना है। छोटे बच्चों का स्कूल 9:00 बजे से लगना चाहिये, शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये। स्कूल प्रबंधन द्वारा पुलिस प्रशासन के सहारे आवाज उठाने वालों को जेल भी जाना पढ़ता है। एक प्रकरण में एक स्कूल संस्थान द्वारा भाजपा नेता के ईशारे पर 70 वर्ष के बुर्जुग को पुलिस प्रशासन द्वारा जेल भेजा गया था। डॉ पाल ने आगे प्रदेश के युवक कांग्रेस एन. एस. यूआई के पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया तथा उन्हें इन संस्थानों से माता-पिता की समस्याओं से रूबरू होना चाहिये। भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा छोटे-छोट स्कूलों को परेशान किया जाना आम बात है। इन बड़े स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर म भ्रष्ट अधिकारी घूसने की हिम्मत नहीं करते हैं। प्रदेश की शिक्षा का मंदिर नहीं लूटपाट का बाजार बन गया है। कोई किसी के दुखदर्द को समझने वाला नहीं है। भाजपा काल के 15 सालों में कुकुरमुत्तों की तरह स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर का खुलन भ्रष्टाचार को जन्म देता है। काले धन का स्कूल कॉलेजों में खुलकर उपयोग कि जाता है। अतः मेरा ई.डी. से अनुरोध है कि इन शिक्षण संस्थाओं की उचित जांच क दूध का दूध, पानी का पानी होगा। प्रदेश में शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों को उचि वेतन भी नहीं दिया जा रहा है, शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये जिससे शिक्ष एवं कर्मचारियों को महंगाई से राहत मिलेगी बच्चों के माता-पिताओं को भी शासन कुछ लाभ मिलना चाहिये।

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