???? मकर संक्रांति विशेषांक ????
पंडित अनिल शास्त्री
भगवान भास्कर श्री सूर्यदेव दिनांक 14 जनवरी रात्रि 20:14 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे ।
चुकि संक्रांति का समय रात्रि का है अत: मकर संक्रांति का पर्व सोमवार दिनांक 15 जनवरी को मनाया जायेगा, और यही सर्वथा उचित होगा । क्योंकि शास्त्रों के मतानुसार मेष व तुला राशि के संक्रांति के समय के दोनों ओर 10-10 घटी पूण्यकाल होता है परन्तु मकर के प्रवेश के बाद की 20 घटी पुण्यकाल होता है । अत: रात्रि काल के संक्रांति लगने पर उसका पूण्यकाल दूसरे दिन मध्याह्वन तक रहेगा ।
???? इस संक्रांति का विशोपक 10 विश्वा बल होगा ।
????इस संक्रांति का नाम – विषुप ।
????अवस्था – बैठी ।
????स्वरूप – श्यामल ।
????वस्त्र – काले वस्त्र ।
????शस्त्र – हाथ में चौड़े फाल वाली तलवार होगी ।
????जाति – इस संक्रांति की जाति मृग होगी ।
????वाहन – भैंसा होगा ।
????उपवाहन – ऊँट ।
????भोजन – दही ।
????लेपन – महावर का तिलक होगा ।
????अवस्था – प्रगलभावस्था ।
????पुष्प – हाथ में आक का फूल धारण करती है ।
????फल – कष्टकर फल प्रदान करेंगी ।
????पात्र – इसका पात्र खप्पर है ।
????इस संक्रांति में एक खास बात यह भी है कि इस समय दिनांक 15 को प्रात: काल से, सर्पिणी नामक अधोमुखी भद्रा भी सुरू है । जिसका वास पाताल लोक में होगा !
????चुकि मकर संक्रांति रविवार उग्र तिथि और मूल अर्थात तीक्ष्ण नक्षत्र में हो रही है जो घोरा और राक्षसी संक्रांति का सम्यक रूप है । अत: यह संक्रांति अति निम्न जातिवर्गो तथा शूद्रवर्ण के लिए सुखप्रद रहेगी ।
????परन्तु रात्रि के पहले पहर में यह संक्रांति राक्षसों और पिशाचों के लिए कष्टप्रद रहेगी ।
????यह रविवारी संक्राति राष्ट्रशासन सत्ता के लिए उचित नही है यह शासन सत्ता में अस्थिरता लायेगा तथा तमाम ऐसे कारण उत्पन्न होगे जो राजनीतिक मतभेद का कारण बनेगी ।
????यह संक्रांति स्वास्थ्य के लिहाज से मनुष्यों के लिए उचित नही है , इस रविवारी संक्रांति के कारण मानव कथा जीवों में पित्त जनित रोगों की बढोत्री करेगा ।
???? समर्ध संक्रांति का समय इस बात का इशारा कर रहा है कि वर्षा कि स्थिति संतोषजनक रहेगी ।
???? कारोबार तथा महंगाई के लिहाज से यह समर्घ संक्रांति होगी । जिसके फल स्वरूप महंगाई तथा व्यापार में सामान्य मंदी-तेजी रहेगी हालत बनी रहेगी जो व्यापारियों और ग्राहकों कभी अनुकूल तो कभी प्रतिकूल सी जान पड़ेगी ।
???? संक्रांति विश्वफल ????
संक्रांति फल के अनुसार कही सुख शान्ति का प्रादुर्भाव होगा तथा एक तरफ तो विश्व में शान्ति बनाए रखने के लिए कुछ राष्ट्र के नेताओ की वार्ता आदि होगा तथा विश्वशान्ति के प्रयासो की चर्चा परिचर्चा का जोर रहेगा तथा वही दूसरी तरफ कुछ बड़े देश छोटे देशों पर अपना प्रभाव जमाने का प्रयास करेंगे । हर दिशा में दुख सुख की समान क्रिया प्रतिक्रिया होती रहेगी । व्यापार आदि में कभी बढोत्री तो कभी घटोत्री का ऐसा खेल रहेगा कि व्यापारी वर्ग हमेशा अस्थिरता का अनुभव करेगा ।
???? राशियों पर प्रभाव –
???? मेष – मेष राशि के लिए यह संक्रांति शुभ है तथा मेष राशि के जातक अपने समय का पूरा आनंन्द लेंगे ।
???? वृषभ – वृषभ राशि वालों के लिए यह संक्रांति ठीक नही है तथा उनमें कुटिलता तथा क्रूरता का बढोत्री होगा और उनकी बुद्धि पापाचरण की तरफ अग्रसर होगी ।
???? मिथुन :- मिथुन राशि वालों के लिए भी यह संक्रांति स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नही है तथा मिथुन राशि के जातकों को बीमारियों से सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी ।
???? कर्क :- कर्क राशि के जातकों के लिए भी समय ठीक नही रहेगा उनको यात्रा आदि से सावधान रहने की आवश्यकता है तथा किसी बड़ी हानी की संभावना है ।
???? सिंह :- सिंह राशि वालो के लिए यह संक्रांति कुछ मामलो में बहुत अच्छी रहेगी । जैसे कि उनके सुखो और संसाधनों में वृद्धि के साथ साथ वह अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे ।
???? कन्या :- कन्या राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति सुखद नही रहेगी । इस समय में कन्या राशि के जातको को अपने हालता और परिस्थितियों के कारण अत्यंत दीनता तथा हीनता का आभास होगा और किसी तरह की हानि भी उठानी पड़ेगी ।
???? तुला :- तुला राशि के जातक सतर्क हो जाए यह संक्रांति आपको किसी तरह से भी लाभप्रद नही रहेगी । आने वाले समय में कुछ ऐसा होगा जिससे आपके मान सम्मान को धक्का लगेगा तथा आपको अपमानित होना पड़ेगा साथ ही आप किसी रोग से भी परेशान होंगे ।
???? वृश्चिक :- वृश्चिक राशि के जातकों के लिए हर लिहाज से यह संक्रांति बहुत ही शुभ है । आने वाले समय में उनको धन लाभ के साथ साथ नाम और दैविक कृपा की भी प्राप्ति होगी तथा सुखपूर्ण जीवन बीताने का आनंद लेंगे ।
???? धनु :- धनु राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति ठीक नही है । उन्हें अपने कारोबार , नौकरी आदि में हानि तो उठाना ही पड़ेगा साथ ही किसी भय से भी वह ग्रसित रहेंगे ।
???? मकर :- मकर राशि में सूर्य देव का संक्रांति वो भी मूल नक्षत्र में अस्थिरता उत्पन्न करेगी और यह संभव है कि उनको किन्ही कारण से अपना स्थान तक परिवर्तन करना पड़े ।
???? कुम्भ :- कुम्भ राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति ठीक नही है । उन्हें अपने धन तथा रूपये पैसे को लेकर बहुत सचेत रहने की आवश्यकता है उनको किसी तरह की आर्थिक हानी उठानी पड़ सकती है ।
???? मीन :- मीन राशि वालों के लिए यह संक्रांति कुछ विशेष खराब साबित हो सकती है । मीन राशि वालों को सिर्फ एक या दो नही बल्की इस मास खासकर 31 जनवरी के चन्द्रग्रहण से पूर्व तो तरह तरह के परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है अत: आप अपने कुलदेवता और आपने आराध्यदेवता का पूजन प्रार्थना करना ना भूलें ।
दिनांक 31 जनवरी सन् 2018, माघ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, दिन बुधवार को खग्रास अर्थात पूर्ण चन्द्रगहण होगा । इसको पूर्ण भारत के किसी भी क्षेत्र से देखा जा सकेगा । भारत के अतिरिक्त यह उत्तर-पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, आस्ट्रेलिया, पूर्वोत्तर अफ्रिका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरीका, प्रशांत महासागर, अटलांटिका महासागर , ओशियाना, रूस, आदि जगहो से भी दिखाई देगा ।