दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में राजभाषा कार्याशाला का आयोजन किया गया
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राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयंती मनाई गई
बिलासपुर.दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में एक सादे समारोह में राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उन्हें याद करते हुये उनकी कृतियों में दर्शाये गये सामाजिक परिवारिक विसंगतियों के बारे में चर्चा की गयी।
राष्ट्रकवि को साहित्य जगत में ”दद्दा”के नाम से भी जाना जाता है।उनकी कविताए में देश प्रेम, देश भक्ति, समाज कल्याण एवं नारी उत्थान जैसे विषयों का विशेष समावेश होता है जो अनुकरणीय है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पी.के.बी. मेश्राम, मुख्य सामग्री प्रबंधक/ ई एंड ने राष्ट्रकवि को श्रधंजलि देते हुये उनके द्वारा रचित कालजयी रचनाओं को याद किया तथा राजभाषा में काम करने के लिए अधिक से अधिक हिंदी में कार्य करने पर जोर दिया एवं अपनी भाषा सुधारने के लिए साहित्यकारो की कृतियों का पठन एवं अध्ययन को जरूरी बताया।
कार्यक्रम के द्वितीय खंड में कर्मचारियों एवं अधिकारियों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग के बारे में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर राजभाषा का उपयोग विशेष कर स्टेशनों एवं सार्वजनिक जगहों पर लगे सूचनात्मक बोर्ड या निर्देंशात्मक लगाये गये बोर्ड की भाषा अत्यंत सरल हो इस पर विशेष जोर दिया गया जिसे उदाहरण सहित समाझाया।
वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी विक्रम सिंह ने इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुये अपने भाषण में रेल मंत्रालय द्वारा राजभाषा से संबंधित कानून एवं नियमों की जानकारी दी तथा पावर पाईट प्रेजेंटेशन की मदद से छोटे छोटे उदाहरण देते हुये राजभाषा में अधिक से अधिक काम कैसे किया जाये और कार्य करते समय राजभाषा के प्रयोग में आने वाले अड़चनों से कैसे बचा जाये, इसका सफलता पूर्वक व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर अंत में राजभाषा विभाग के विरिष्ठ कर्मचारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।