इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आवश्यक जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम और नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेस टेस्ट में इस बार सभी परीक्षार्थियों को अलग-अलग पेपर दिया जा सकता है यानी सभी परीक्षार्थियों के पेपर में अलग अलग सवाल होंगे. बताया जा रहा है कि पेपर एक सॉफ्टवेयर से सलेक्ट किए जाएंगे, जो रैंडम सवाल उठाएगा और हर उम्मीदवार के लिए अलग पेपर तैयार होंगे. बता दें कि यह पैटर्न नेट में भी इस्तेमाल होगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सबसे पहले यह बदलाव दिसंबर में होने वाली नेट में किया जाएगा, जिसका आयोजन पहले यूजीसी की ओर से किया जाता रहा है. एनटीए को कई परीक्षाओं की जिम्मेदारी मिलने के बाद एजेंसी 1.5 करोड़ उम्मीदवारों की परीक्षा का आयोजन करेगा. इसी के साथ ही एनटीए की ओर से परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे.
दरअसल इस बार इन परीक्षाओं का आयोजन सीबीएसई और यूजीसी के स्थान पर नेशनल टेस्टिंग एंजेसी की ओर से किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार एनटीए के डायरेक्टर जनरल विनीत जोशी का कहना है कि ‘परीक्षाएं 100 फीसदी सुरक्षित होंगी. साथ ही हाई लेवल का इंक्रिप्शन इस्तेमाल किया जाएगा ताकि कोई भी सिस्टम को हैक ना कर सके|
हाल ही में केंद्र सरकार ने देश की अहम परीक्षाओं में बड़े बदलाव किए थे. सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से करवाई जाने वाली कई परीक्षाएं अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करवाएगी. इनमें नीट, जेईई, नेट आदि शामिल है. साथ ही जेईई और नेट का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा.
सरकार के आदेश के अनुसार नीट की परीक्षा हर साल फरवरी और मई में कराई जाएगी. साथ ही ये परीक्षाएं कम्प्यूटर के माध्यम से करवाई जाएगी. नेट की परीक्षा दिसंबर में और जेईई (मेन्स) की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में कराई जाएगी.