बिलासपुर: पंचायतों का बेतुके फरमानों की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक पंचायत ने मानवता की हदें पार करते हुए यौन शोषण की शिकार नाबालिग पीड़िता को तुगलकी फरमान सुना दिया. पंचायत ने आदेश दिए कि नाबालिग पीड़िता यौन शोषण करने वाले के साथ रहेगी. वहीं, शोषण के आरोपी युवक ने 15 दिन बाद किशोरी को घर से भगा दिया. इसके बाद किशोरी दर-दर न्याय के लिए भटक रही है. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही युवक को गिरफ्तारी भी कर लिया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद पंचायत के लोगों पर भी मुकदमा किया जाएगा.
आरोपी युवक ने किशोरी को रखने से किया इनकार
दरअसल, मरवाही के ग्राम तेंदूमुड़ा में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी का गांव के ही आरोपी युवक योगेंद्र ने बहला-फुसलाकर छह माह तक यौन शोषण किया. इस दौरान किशोरी गर्भवती हो गई तो, आरोपी युवक ने किशोरी से कहा कि ये मेरा बच्चा नहीं है और उसे भगा दिया. इसके बाद ये मामला पंचायत पहुंचा. पंचायत ने जो निर्णय सुनाया वह और भी चौंकाने वाला था. पंचायत ने नाबालिग किशोरी और युवक को एक साथ रहने के लिए लिखित समझौता करा दिया. समझौते के 15 दिन बाद आरोपी युवक ने पंचायत के निर्णय को मानने और किशोरी को अपने साथ रखने से मना कर दिया. इसके बाद पीड़ित किशोरी ने पंचायत से गुहार लगाई तो, पंचायत ने असमर्थता जाहिर कर दी. मामला आने के बाद मरवाही थाने में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया मामला
मरवाही पुलिस थाना के एसएचओ एके खलखो ने नाबालिग पीड़ित किशोरी के बयान एवं लिखित रिपोर्ट लेकर दोषी युवक योगेंद्र के खिलाफ धारा 376 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने तत्काल ही आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. एसएचओ एके खलखो ने बताया कि पंचायत के निर्णय एवं लिखित पत्र को जांच में जौड़ा गया है. पंचायत के प्रतिनिधियों के विरुद्ध मामले को दबाने एवं रफा-दफा करने की कार्यवाही मामले की जांच करने के बाद की जाएगी.