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रायपुर. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने वाली है. इस कानून के तहत पत्रकारों को किसी भी तरह के झूठे मामलों में फंसाना आसान नहीं होगा. इतना ही नहीं पत्रकारों के खिलाफ दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई करने वाले अफसरों और अन्य लोगों को जेल भी हो सकती है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आफताब आलम, दिल्ली हाईकोर्ट की सेवानिवृत न्यायाधीश श्रीमती अंजना कुमार, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राजूराम चंद्रम की निगरानी में यह ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है.
गौरतलब है कि प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थीं तब सरकारी अफसरों ने बदले की भावना से बड़ी संख्या में पत्रकारों को निशाना बनाया था. सुपर सीएम के नाम से विख्यात एक अफसर के इशारों पर राजधानी सहित विभिन्न इलाकों के लगभग ढाई सौ पत्रकारों पर जुर्म कायम किया गया था. जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थीं तब उसने यह वादा किया था कि नई सरकार के गठन के साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाया जाएगा. सरकार ने इस दिशा में मार्च महीने में कानून बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की थी जो अब अंतिम दौर पर है. फिलहाल इस कानून पर विचार-विमर्श के लिए छत्तीसगढ़ के अफसरों का एक दल शुक्रवार को दिल्ली जा रहा है. इस बारे में शनिवार को एक अहम बैठक होगी.