बिलासपुर. भीड़ को नियंत्रित करने का जिम्मा पुलिस का होता है और जनप्रतिनिधि का मूल कार्य जन सेवा करना है जन सेवा के दौरान व्यवस्था बनाना कलेक्टर और एसपी की महती जिम्मेदारी है इसके विपरीत नगर विधायक शैलेश पांडेय के साथ जो कुछ भी हुआ वह किसी के पल्ले नही पड़ रहा है बीते रविवार को विधायक के सरकारी बंगले में हुए घटनाक्रम के बाद शासन और जिला पुलिस प्रशासन आमने सामने हो गया है। विधायक पांडेय पर लॉक डाउन के दौरान राशन देने के बहाने भीड़ बुलाने का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है।
‘OMG NEWS NETWORK’ को वो आडियो हाथ लगा है जिसमें खुद नगर विधायक शैलेश पांडेय ने एएसपी सिटी ओम प्रकाश शर्मा को फोन कर वेयर हाउस रोड़ स्थित सरकारी बंगले में बिन बुलाई भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस से हेल्प मांगा गया था। मिनिट टू मिनिट हुए इस घटनाक्रम में उल्टा विधायक पर एफआईआर दर्ज करने का खुलासा हुआ है। कांग्रेस विधायक अपनी सरकार में पुलिस महकमे को भीड़ नियंत्रण करने की बात कहते हैं और सब कुछ निपट जाने के एक घंटे बाद विधायक पर ही लॉक डाउन का उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर की लकीर सिविल लाइन थाने में खिंच दी जाती हैं। इस पूरे मुद्दे ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं कि आखिर किसके आदेश पर सारी कहानी रची गई वही विधायक पांडेय द्वारा खुद पर लगें आरोप के बाद इस मामले को कोर्ट से लेकर सदन में उठाने के एलान के बाद ऊपर से लेकर नीचे तक कई पुलिस अफसरों का नप जाने की आशंका जताई जा रही हैं।
विधायक और एएसपी के बीच हुई कुछ पल की बातचीत के बाद यह बात समझ से परे हो गई है कि जब विधायक पांडेय ने अपने सरकारी बंगले पर अनावश्यक भीड़ आने की सूचना पहले ही पुलिस को दे दिया था तो एफआईआर की नौबत क्यों आई।
घंटे भर बाद जुर्म दर्ज और आईजी का शाम को ट्वीट..
विधायक पांडेय के सरकारी बंगले में हुए घटनाक्रम के बाद करीब एक धंटे बाद सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ लॉक डाउन धारा 144 के उल्लंघन को लेकर एफआईआर दर्ज कर दी गई वही देर शाम आईजी दीपांशु काबरा ने अपने ट्वीटर एकाउंट से इस मामले की जानकारी शेयर कर दी।
विधायक जाएंगे कोर्ट की शरण मे,सदन में उठाएंगे मुद्दा..
इधर इस मुद्दे को लेकर नगर विधायक शैलेश पांडेय ने कोर्ट की शरण मे जाने और अगले विधानसभा सत्र में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने के एलान कर दिया है वही हो भी सकता है कि नाराज विधायक पुलिस डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली को लेकर मान हानि का दावा भी ठोक सकते है। इधर विधायक के सदन में विशेषाधिकार की आवाज बुलंद होते ही आदेश देने वाले नही बल्कि उसका पालन करने वाले बुरे फसे है।
सीएम का आदेश मान बुरे फसे विधायक..
कोरोनो संकमण के बाद देश और राज्य में लगे लॉक डाउन के बाद राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने कहा था कि किसी को भूखा नही रहने देंगे अपने मुखिया के आदेश का पालन विधायक ने किया लेकिन अचानक आई भीड़ ने उन्हें बेजबरन का गुनहगार बना दिया।
एक नजर पूरे घटनाक्रम में पर..
मिली जानकारी के अनुसार विधायक पांडेय रविवार की सुबह करीब 10.15 बजे अपने वेयर हाउस रोड़ स्थित सरकारी बंगले पहुचते है जबकि इससे पहले ही भीड़ गेट के बाहर आ गई थी आननफानन में हड़बड़ाए विधायक ने करीब 10.32 बजे को एएसपी ओपी शर्मा को कॉल कर बंगले में भीड़ जमा होने की जानकारी देकर व्यवस्था को संभालने एएसपी की गाड़ी लेकर आने को कहा लगभग 10.45 बजे को पुलिस विधायक के बंगले पहुंच गई इधर 11 बजे भीड़ को वापस कर करीब 11.15 को सारा लाव लश्कर लेकर पुलिस भी बंगले से रवाना हो गई एफआईआर के अनुसार ठीक 12.15 बजे विधायक के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने का अपराध सिविल लाइन थाने में दर्ज हो गया और देर शाम 7.15 बजे आईजी ने ट्वीट कर दिया।