जगदलपुर. बस्तर में बहुतायत से उगता है बोडा।साल के वनों में पाए जाने वाले मशरूम की प्रजाति बारिश के दिनों में मिलती है। इसको नानवेज की तरह बनाया जाता है. कीमत और जायके में यह नानवेज को भी मात देता है.
छत्तीसगढ़ के अन्य स्थानों पर पाए जाने वाले मशरूम से यह बहुत बडा और लगभग अंडे के आकार का होता है. साल की जडोंसे उत्सर्जित रसायन से विकसित होने वाला बस्तर का बोडा एक विशेष तरह का मसरुम है. यह बस्तर में बहुतायत से उगता है।यह केवल साल वनों में पाया जाता है।यह मानसून आने पर साल पेड़ की जडों से निकलकर यह जमीन की उपरी सतह पर उभर आता है। बस्तर के हाट बाजार में यह 400रु किलो तक बिकता है लोकिन यहां आते तक कीमत दुगनी हो जाती है. मानसून के आगमन के बाद दो तीन माह तक ही यह मिल पाता है।
मशरूम के बारे में चिकित्सक कहते हैं कि इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. इसके हाइली पोषक तत्व बेहद लाभदायक माने जाते है.
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