बिलासपुर.राजनीति और प्रशासनिक दोनों में अलग अलग पावर का चार्म होता है।पुलिस विभाग में वो भी थानेदारी करते हुए जो अनुभव मिला उससे जनता के हित में काम करने का राजनीति में ज्यादा स्कोप है।इसलिए अब मैंने आगे का पूरा जीवन राजनीति करने का मूड बना लिया है।ये कहना है पुलिस विभाग को अलविदा कह चुके जी एस जौहर का उनका मानना है कि अगर इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकिट देती है तो बखूबी जनता और पार्टी के भरोसे पर खरा उतरेंगे।
पुलिस विभाग की 18 साल सेवा कर राजनीति में अपना जौहर दिखाने आये जी एस जौहर मस्तूरी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी से दावेदारी की ताल ठोक रहे है श्री जोहर पूरी तरह राजनीति के दंगल में उतरने का मन बना चुके है।रायगढ़ जिले से कुछ ही दिनों पूर्व थानेदारी को अलविदा कह चुके उन्होंने ‘Omg news network’ से खास बातचीत की..
सवाल.
पुलिस की जॉब छोड़ राजनीति में आने का मकसद.
जवाब.
प्रशानिक और राजनीति में दोनों के पावर का अलग चार्म होता है।थानेदारी करते हुए हर तरह की परिस्थितियों को देखा और झेला है।विभाग में रहते हुए किसे,कब और कैसे काम निकालना है ये बड़े अच्छे तरीके से सीख लिया है।सीधा कहे तो सरकारी कुर्सी खास कर थानेदार को बखूबी जनप्रतिनिधियों को भी घुमाने की कला आती है क्योंकि थानेदार का मैनजमेंट काम आता है।जिसके चलते प्रशानिक अधिकारियों से किस तरह काम लेना है इतनी सिख तो आ गई है जिसका फायदा राजनीति में मिलेगा और जनता के हित में काम कर सकूंगा।
कांग्रेस पार्टी पर विश्वास और मस्तूरी से भाग्य आजमाइश क्यो.
श्री जौहर ने बताया कि वह मूलतः मस्तूरी के ग्राम खमरिया के निवासी है।सन 97 में छात्र जीवन के दौरान उन्हें गांव वालों ने राजीनीति में आने के लिए प्रेरित किया था इसी बीच पुलिस की जॉब लगने से वह राजनीति में आने से अछूते रह गए।सन 98 बैच के एसआई में सलेक्ट हुए श्री जौहर ने विभाग में रहने के दौरान गांव,गरीब,मजदूर और खास कर परिवार के लोगो की प्रशासनिक पीड़ा को करीब से देखा है इसलिए अंततः राजनीति में आकर कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताया है क्योंकि कांग्रेस विचार धारा से उन्हें काफी प्रेरणा मिलती है।उन्होंने बताया कि सन 2008 से ही राजनीति में आने का मूड बना लिया था।
चुनाव में धन,बल की जरूरत आप कैसे करेंगे..
ऐसा मैं नही मानता पद में गरिमा होती है तो वही राजनीति सोने में सुहागा होता है।सारे चुनाव धन,बल से नही होते उम्मीदवार की छवि का रोल इसमें महत्वपूर्ण होता है।वैसे मैं खुद नही आया क्षेत्र के मुस्लिम,केंवट और गोंडवाना समाज के साथ मेरे सामाजिक लोगो ने मुझ पर भरोसा जताया है जैसे आजकल के नेता किसी का नाम लेकर चलते है मगर मुझे खुद की जमीन बनानी है।अगर टिकिट नही भी मिलती तो सदा संगठन को मजबूत बनाने हर तरह से आगे रहूंगा।
किन खास मुद्दों पर होगी दावेदारी..
मस्तूरी से कांग्रेस पार्टी की दावेदारी किन खास मुद्दों पर होगी इस बारे में जी एस जौहर ने बड़ी सरलता से जवाब देते हुए कहा कि किसानों का पलायन, स्वास्थ और शिक्षा पर जोर मेरी प्राथमिकता होगी।मस्तूरी विधानसभा चारो तरफ से पानी से घिरा हुआ है जहा के किसानों को सोलर पंप से पानी दिलाने की व्यवस्था की जाएगी वही हेल्थ और एजुकेशन के लिए पहले से मेरी एक संस्था काम कर रही है जिसका खर्च अपने वेतन से वहन करता हु रही बात जीत की तो श्री जौहर को विश्वास है कि मस्तूरी विधानसभा की जनता उन्हें 1000 हजार प्रतिशत विजयी बनाएगी।