बिलासपुर/खाटु.सांवरे सेठ की नगरी मे बाबा के बारस का दर्शन कर भीगी पलकों से श्याम भक्तों ने विदाई ली. इधर सूरजगढ़ का निशान मंदिर मे चढ़ने के बाद फाल्गुन शुक्ल का मेला का शानदार समापन हुआ.
मंगलवार को खाटु नरेश के दर्शन पाने भक्तों की भीड़ ने जमकर बाबा का जयकारा लगाया. जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा. जयकारे के साथ फाल्गुन शुक्ल की बारस का दर्शन पाने भक्तों का तांता लगा रहा. खाटु दरबार से लेकर बाहर तक भक्तों की भीड़ को काबू करने जिला और पुलिस प्रशासन समेत स्वयं सेवकों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा. इधर सांवरे सरकार भी भक्तों के जोश और दर्शन पाने उनकी दीवानगी को देख सभी को निहारते रहे.सुबह से ही पूजा अर्चना कर जोत लेने के बाद भक्तों ने भीगी पलकों से बाबा के समक्ष तमाम कष्टों को दूर कर सदा कृपा बनाए रखने की अपनी अरदास लगाई. और जन्म जन्मांतर तक खाटु का बुलावा आये बोलकर शीश नवाया.
हनुमानगढ़ से पहुंचा मीतू
शारारिक रूप से विकलांग खाटु से 450 किलोमीटर दूर हनुमानगढ़ निवासी मेहंदी डिजाइनर मीतू कटारिया अपने भाई प्रेम के कंधों पर बाबा के दर्शन को पहुंचा omgnews.co.in को उसने बताया की सांवरे सेठ के प्रति उसका अटूट विश्वास है.हर माह वह बाबा के दर्शन को खाटु धाम आता है.वहीं बेकाबू भीड़ को देखकर आसानी से बाबा का दीदार नहीं हो पाने की भी कसक कहीं ना कहीं उसके मन मे थी.
सूरजगढ़ के निशान का इंतजार
खाटु से तकरीबन 160 किलोमीटर दूर सूरजगढ़ के श्याम भक्तों का निशान हर साल फागुन मेले की बारस को चढ़ाया जाता है. जो मंदिर के शिखर पर सूरजगढ़ वाले बाबा को अर्पित कर खुद लगाते हैं.सफेद रंग के निशान में बने नीले घोड़े की तस्वीर देखते ही बनती है. बताया जाता है कि इस निशान का इंतजार श्याम बाबा को भी रहता है.जिसके चढ़ते ही फाल्गुन शुक्ल के खाटु मेले का समापन होता है.