बिलासपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान पर ग्रहण लग गया है और सरकार की यह योजना गौशाला की जगह गायों के लिए मौत की शाला बनती नजर आ रही है मस्तूरी विधायक डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने प्रेसक्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उक्त बातें कहीं उन्होंने ग्राम लोहरसी में 22 गायों की मौत को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि केवल मस्तूरी विधानसभा के लोहरसी गांव की घटना को ना लेते हुए पूरे प्रदेश पर फोकस किया जाए तो जांजगीर के अमोरा बालोद, कवर्धा कई ऐसे उदाहरण मिलेंगे जहां पर मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अनियमितता पाई गई हैं और यदि गौठान की जांच कराई जाए तो गायों की मौत के चौंकाने वाले आंकड़े निकल कर सामने आएंगे।
विधायक डॉ. बांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा की गायों की मौत भूख के कारण हुई है और अधिकारी गायों की मौत को लेकर लीपापोती कर रहे हैं इस मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने मृत गायों के क्रिया कर्म को लेकर भी सरकार को घेरा है उन्होंने कहा कि जिस तरह से गायों की मौत हुई बाद में उनके शरीर को जेसीबी से गड्ढा खोदकर पाट दिया जाता है ये कहीं ना कहीं सरकार के उस चेहरे को उजागर करता है जो गायों को लेकर संवेदनशील नहीं है इस मामले को लेकर हिंदू समाज भी आक्रोशित है ।उन्होंने भूपेश सरकार को सलाह देते हुए कहा कि जल्द ही अगर गौमाता को लेकर उचित कदम नहीं उठाया गया तो निश्चित ही बड़ा नुकसान होगा।
गौठान योजना फ्लाप..
विधायक बांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास गौठान को लेकर कोई योजना नहीं है ना चारा ना चरवाहा न रहने रुकने की उचित व्यवस्था ऐसे में यह योजना निश्चित ही फ्लॉप नजर आती है। गायों को मौत को लेकर राजनीति नहीं बल्कि सरकार की असफलता को उजागर कर रहा हूं ताकि भविष्य में गौठानो में ईश्वर रूपी गौमाता की मौत ना हो सके
डॉ कृष्णमूर्ति बाँधी सरकार से मांग की है की गौठान योजना लेकर प्रशासन और सरकार के बीच रीति नीति और नियम को साफ करें
क्योंकि प्रदेश में गौठान गौशाला नही बल्कि मौत की शाला बन रहे हैं।