बिलासपुर.सायबर क्राइम को रोकने हेतु बैंकर्स क्लब ने एक कार्यशाला का आयोजन किया बैंकर्स क्लब के समन्वयक ललित अग्रवाल ने बताया कि जालसाजों द्वारा एटीएम कार्ड बदल कर, टेलीफोन में झांसा देकर जानकारी लेने से धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से जनता में भय का वातावरण बन रहा हैं।
बैंकर्स द्वारा लगातार जनता को जागरूक किया जा रहा हैं। फिर भी जालसाज नित नये नये तरीके अपना रहे हैं अतः सभी बैंकर्स को जागरूक होने की जरूरत पर जोर दिया गया उन्होंने बताया कि प्रत्येक शाखा में यू वी लैम्प का इस्तेमाल अवश्य ही करे बड़ी राशि के भुगतान में व्यक्तिगत रूप से दुरभाष पर पुष्टि अवश्य करे आते जाते एटीएम की मशीन के आसपास अवांछित चीजो की जांच अवश्य ही करे। उन्होंने जनता की जानकारी के लिए बताया कि सामान्यतः ऑन लाईन पेमेंट करने हेतु निम्न चार स्टेज से गुजरना पड़ता हैं।
1. एटीएम/डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर प्रिंट 16 अंक प्रविष्ट करना
2. 3 अंको की सीवीवी प्रविष्ट करना
3. 4 अंको का पासवर्ड डालना
4. आपके मोबाईल पर आये ओटीपी दर्ज करने पर ही ऑन लाईन पेमेंट प्रक्रिया पूर्ण होती हैं। ग्राहक कोखाता डेबिट होने का एसएमएस आता हैं
हैकर्स या फ्राड करने वालो का ग्रुप किसी प्रलोभन का लालच देकर बातों में उलझा कर उपरोक्त समस्त जानकारी हासिल कर ही जालसाजी करते होंगे।
सावधानी ही सुरक्षा हैं किसी भी प्रकार के प्रलोभन से दूर रहे अपने दिल व दिमाग से अवश्य मनन करे कि कोई भी आपको अनावश्यक छूट क्यो देना चाहता हैं। यह हमेशा याद रखे कि कोई भी बैंक कभी भी एटीएम/डेबिट/क्रेडिट कार्ड के बारे में फोन नहीं करता हैं साथ ही कभी भी गलतफहमी में ना आये।
सदैव सिक्योर्ड साइट https:// का ही इस्तेमाल करे
यदि आम जनता उपरोक्त सुरक्षा के उपायों का इस्तेमाल करती हैं तो बढ़ते सायबर क्राइम पर रोक लगाई जा सकती हैं। कुछ सदस्यों ने सलाह दी कि आम जनता की मांग पर बैंकिंग में ओटीपी (वन टाईम पास वर्ड) के बजाय टीटीपी ( टू टाईम पासवर्ड ) की व्यवस्था बनाने पर विचार किया जाए इसमें ओटीपी की तरह पूरी प्रकिया पूर्ण होने के बाद तथा ट्रांजक्शन होने के पूर्व ग्राहक को सूचना मिले जिसमे हितग्राही का नाम, पता/लोकेशन, ट्रांजेक्शन का कारण, अंको व शब्दो मे राशि का विवरण हो। उक्त जानकारी से सन्तुष्ट होने पर ग्राहक बैंकिंग सिस्टम को हाँ/नहीं का एसएमएस करे। “हां” का एसएमएस मिलने के बाद ही ग्राहक को ट्रांजेक्शन पूर्ण करने हेतु दूसरा ओटीपी प्राप्त हो। इसके बाद ही ट्रान्जेक्शन पूर्ण हो। शायद इस प्रक्रिया के अपनाने से बढ़ते फ्राड पर रोक लगाई जा सकती हैं। लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने पर बैंको व ग्राहकों पर अतिरिक्त समय व शुल्क का भार भी पड़ सकता हैं। हो सकता हैं जालसाजों की लच्छेदार बातों में लोग फिर भी भर्मित हो जाये। अतः सबसे से जरूरी यह हैं कि इस बात को गांठ बनाकर बैठा ले कि कोई भी बैंक कभी भी इनके लिए फोन नही करता। अतः कभी भी झांसे में ना आये
कार्यशाला के बाद बैंकर्स क्लब के सक्रिय सदस्य अनूप साहू के मुख्य प्रबंधक पद पर पदोन्नति और कोलकाता ट्रांसफर होने पर भावपूर्ण विदाई दी गई।
कार्यशाला में ललित अग्रवाल, अनूप साहू, प्रदीप महानन्द, कैलाश अग्रवाल, रवि पटनायक, गौरव शर्मा, सुभाष कुमार, पिंटू कुमार,हरनीत सिंह, राहुल परिहार, सुजीत मंडल, कुमारिल आदित्य, अशोक सिंह, मनीषा कायम, श्वेता तिग्गा, नीतिश्री साहू, शायरी सुमन, विश्वजीत भौमिक, बॉबी बक्सी सहित बड़ी सँख्या में उपस्थित बैंकर्स व सम्मानित ग्राहकों ने विशेष सावधानी अपनाने का प्रण लेते हुए जनता को भी जागरूक करने का आश्वासन दिया।