सेंट्रल जेल में काले कारोबार की जड़ 12 साल से जमी है अटैचमेंट में..

‘OMG NEWS’ की स्पेशल रिपोर्ट पढ़िए लगातार..

बिलासपुर. सेंट्रल जेल की चारदीवारों के बीच मोटी रकम के एवज में कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर गोदाम में आने वाले राशन में कटिंग के सरगना जेल के इंतजाम अली मुख्य प्रहरी (गोदाम इंचार्ज) सेंट्रल जेल में पिछले 12 साल से खुटा गाड़े हुए है। शासन द्वारा दो बार तबादला किये जाने के बाद कुछ ही दिनों में ऊपर से सेटिंग के दम पर पुनः वापसी करवाने में कामयाब रहा। ‘OMG NEWS NETWORK’ अपनी पड़ताल में जेल के इस इंतजाम अली का एक और काला चिठ्ठा खोलने जा रहा है।

गृह जेल विभाग के तबादला आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल सेंट्रल जेल का मुख्य प्रहरी और गोदाम इंचार्ज मारकंड बारिक वर्ष 2008 से सेंट्रल जेल में पदस्थ है। जनवरी 2019 को मारकंड बारिक का मुख्य प्रहरी के पद पर प्रमोशन के साथ उसका तबादला उप जेल मुंगेली हो गया था। लेकिन अपने आकाओं की सेटिंग के दम पर पूर्वर्ती सरकार के कुछ खास अधिकारियों (जेल मुख्यालय ) से संपर्क कर उसी शाम पर उप जेल मुंगेली से पुनः सेंट्रल जेल में अटैचमेंट करवा लिया। जहा सरकार के आदेश पर जेल विभाग के अधिकारी अपनी कुर्सी छोड़ एक जगह से दूसरी जगह की रवानगी ले रहे हैं तो वही मुख्य जेल प्रहरी बारिक का काला कारनामा इसके बाद भी नहीं थमा।

दूसरी बार भूपेश सरकार के गृह जेल विभाग ने 23 अगस्त 2019 को उसका तबादला उप जेल मुंगेली और वर्तमान संलग्न सेंट्रल जेल से कटघोरा उप जेल तबादले का फरमान जारी कर दिया। इधर फिर मुख्य प्रहरी ने अटैचमेंट का खेल खेला और भूपेश सरकार के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दुबारा जेल में अपना पांव जमा लिया और जेल के भीतर गोदाम इंचार्ज बारिक ने जेल प्रबंधन से तालमेल बिठा कैदियों से मोटी रकम लेकर और जेल में आने वाले राशन में कटिंग कर व्यापारियो से वसूली करने के काले कारोबार को उसने जोर दिया।

OMG NEWS NETWORK’ की पड़ताल में सूत्र बताते हैं कि मारकंड बारिक का जेल की चारदीवारियों के बीच कारगुजारी जारी रही। 23 अगस्त 2019 की इस तबादला लिस्ट में जेल अधीक्षक एस के मिश्रा को रायगढ़ से चालू प्रभार पर बिलासपुर सेंट्रल जेल की तैनाती दी गई तो वही तत्कालीन जेल अधीक्षक एस एस तिग्गा का सहायक जेल महानिरीक्षक प्रमोट कर जेल मुख्यालय में पदस्थ किया गया था। इस लिस्ट में जेल विभाग के अधिकारियों समेत 67 कर्मचारियों का नाम शामिल हैं जिसमे मुख्य प्रहरी और गोदाम इंचार्ज मारकंड बारिक का नाम भी है।

बे रोक टोक आता रहा जेल..

‘OMG NEWS‘ की पड़ताल में पता चला कि मारकंड बारिक कटघोरा तबादला होने के बाद भी बे रोक टोक सेंट्रल जेल में आता जाता रहा। इस बात की चर्चा जेल कर्मियों के बीच भी काफी गर्म रही। लेकिन उसके आकाओं की शह के आगे किसी ने कुछ न बोलने में ही अपनी भलाई समझी। इधर मारकंड बारिक 10 दिनों की उठापटक के बाद एक बार फिर सेंट्रल जेल में अटैचमेंट करवा लिया। जिसके बाद मालदार कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर रोज 30 से 50 हजार की काली कमाई का खेल जारी है।

बारिक के कारनामों का अभी और खुलेगा काला चिठ्ठा..

जेल के भीतर मोटी रकम के एवज में चल रहे खेल को जल्द ‘OMG NEWS‘ अपने अगले पार्ट टू पार्ट में उजागर करेगा। मारकंड बारिक समेत जेल में उसके आकाओं के नाम और फोटो के साथ बेनकाब किया जाएगा। इस मामले को लेकर गृह विभाग क्या कहता है इसे भी पाठकों को पढ़ाया जाएगा।

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