बिलासपुर. पुलिस विभाग में निरीक्षक और एसआई को आरोप पत्र दिए जाने के एक मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने कड़े शब्दों में कहा है कि आईजी को निरीक्षक और एसआई को आरोप पत्र देने का अधिकार नहीं है।
जस्टिस गौतम भादुडी ने पुलिस रेगुलेशन में आईजी को निरीक्षक व् एस आई को आरोप पत्र देने का अधिकार नही होने के कारण याचिकर्ताओ के खिलाफ पारित आदेश पर रोक लगाते हुए शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा।
याचिकाकर्ता आनन्द राम व् श्रवण कुमार टंडन कोरिया जिला में उप निरीक्षक के पद मे पदस्थ है। दोनों के खिलाफ आईजी सरगुजा से शिकायत की गई। आईजी ने शिकायत पर दोनों को आरोप पत्र जारी किया। इसके साथ उन्होंने दोनों को पदावनत कर संचय प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश पारित किया।
इसके खिलाफ दोनों ने अधिवक्ता धीरज वानखेडे के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि पुलिस रेगुलेशन एक्ट 228 में निरीक्षक व् उप निरीक्षक को आरोप पत्र देने का अधिकार एसपी को है। आईजी को अधिकार नही है। इस कारण से आईजी द्वारा जारी आदेश को निरस्त करने की मांग की गई। जस्टिस गौतम भादुडी ने पुलिस रेगुलेशन में आईजी को आरोप पत्र जारी करने का अधिकार नही होने के कारण याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जारी आदेश पर रोक लगाई है। कोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का दंडात्मक कार्रवाई नही करने व् चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।