10 वीं की कॉपी जांचने वाले जानिए क्यों नए नियम से डरे..

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल के मूल्यांकन करने वाले शिक्षक इस बार नए नियम से डीबार होने के भारी दबाव में हैं. उन्हें ज्यादा डर होशियार विद्यार्थी की कॉपी जांचने में हो रहा है.
दसवीं की उत्तर पुस्तिका जिले में महारानी लक्ष्मीबाई और मल्टीपरपस स्कूल में जंच रही हैं. यहां दूसरे जिलों दुर्ग-रायपुर आदि की हजारों कॉपियां जंचने के लिए आईं है. दोनों केन्द्रों में पांच सौ से अधिक शिक्षक, शिक्षा कर्मी मूल्यांकन कार्य में लगे हुए हैं.
पहले एक-एक जांचकर्ता चालिस से पचास कॉपी चेक कर लेता था लेकिन दस बीस से ऊपर नहीं बढ़ पा रहा है.
इसकी सबसे बड़ी वजह डी बार और बच्चों के कॉपी खुलवाने के नए नियम हैं.

ये है नई गाइड लाइन..

विद्यार्थी अब बीस और साठ अंक से अधिक पाता है तो अपनी कॉपी खुलवा सकता है. दोबारा जांच में यदि आधा नम्बर भी कम ज्यादा हुआ तो सीधे जांचने वाले को डीबार किया जाएगा भले ही गल्ती डाटाएन्ट्री में ही क्यों न हुई हो.

होशियार की कॉपी में यह डर..

किसी ने यदि साठ अंक से ज्यादा पाए तो उसकी कॉपी फिर से तीन शिक्षक जॉचेंगे. फिर हेड वेलवर जांचकर उसका अलग बंडल बनेगा ताकि मांशिम के अफसर जांच सकें.

तो खींचतान के पास करो..

सौ में से 25 नम्बर प्रायोगिक के शेष 75 नम्बर में से कोई बीस अंक पा रहा है तो उसे खींचतान कर पच्चीस अंक देने पड़ रहे हैं नही तो फेल होकर वह कॉपी खुलवाएगा.

डीबार होने के नुकसान..

मूल्यांकन करने वाला यदि एक साल के लिए डीबार होता है तो सर्विस रिकार्ड खराब और तीन साल के लिए हुआ तो साथ में एक इन्क्रीमेंट रुकेगा.

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