22 जनवरी को अयोध्या में बनकर तैयार नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्राण प्रतिष्ठा के 22 जनवरी के कार्यक्रम में यजमान के तौर पर पीएम मोदी शामिल होंगे. लेकिन पूजन की प्रक्रिया 16 जनवरी से ही विधि-विधान से शुरू हो जाएगी. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए 2 मंडप और 9 हवन कुंड बनाए जा रहे हैं. देश भर से अलग-अलग शाखाओं के 121 ब्राह्मण इस पूजन को संपादित कराएंगे, जिसमें काशी से ही लगभग 40 विद्वान शामिल होंगे.
2 मंडप और 9 हवन कुंड होंगे
बताया जा रहा है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 2 मंडप और 9 हवन कुंडों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें 8 कुंड 8 दिशाओं में होंगे, जबकि एक कुंड आचार्य के लिए बनाया जा रहा है. बता दें कि राममंदिर के सामने की भूमि पर इन मंडपों का निर्माण हो रहा है. ये कुंड अलग-अलग आकार के होंगे, जिसे कर्मकांडी पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में देश तकरीबन 121 वैदिक ब्राह्मण प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त को संपन्न कराएंगे. बताया जा रहा है कि हर कुंड, उसका आकार और हवन का उद्देश्य भी अलग होगा.
इन चीजों से बनेंगे कुंड
कुंड के निर्माण में ईंट, बालू, मिट्टी, गोबर, पंचगव्य और सीमेंट आदि सामग्री का उपयोग किया जा रहा है.
कुंड का आकार और उसका उद्देश्य
- वृत्ताकार- शांति के लिए
- अर्धचंद्राकार- कल्याण के लिए
- पद्म- स्वास्थ्य, शांति, समृद्धि के लिए
- चर्तुस्त्र- सर्वसमृद्धि के लिए
- त्रिकोण- शत्रु पर विजय के लिए
- योनि- संतति के लिए
- षटकोण- शत्रु नाश के लिए
- अष्टकोण- उत्तम स्वास्थ्य के लिए