- शिवा कुमार
दिल्ली. गुरूवार और शुक्रवार की आधी रात को वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को सीजी पुलिस ने हिरासत में लिया. तकरीबन रात तीन बजे छत्तीसगढ़ पुलिस ने यूपी पुलिस के सहयोग से वरिषठ पत्रकार और लेखक विनोद वर्मा को उनके इंदिरापुरम (गाजियाबाद,यूपी) स्थित घर से पकड़ा। इधर मंत्री मूणत की बताई जा रही सेक्स सीडी भी देश भर में वायरल हो गई. पत्रकार वर्मा एडिटर्स गिल्ड आफ़ इंडिया के सदस्य भी हैं। फिलहाल उन्हें इंदिरापुरम थाने में रखा गया है।
बताया जा रहा है एक पोर्न सीडी छत्तीसगढ़ के किसी मंत्री की बताई जा रही है जो उनके पास होने का आरोप है. उनकी ओर से वकील ओमवीर सिंह और अमित यादव थाने पहुंच चुके हैं।
विनोद जी ने लंबे संमय तक बीबीसी में काम किया है। वे अमर उजाला डिजिटल के भी प्रभारी रह चुके हैं। वे प्रतिष्ठत मीडिया संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के भी एग्जीक्यूटिव मेंबर भी हैं. छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी से मचे बवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय की नींद उड़ा दी है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाने को आतुर दिख रहा है। कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक बड़ा राजनीतिक तीर उसके तरकश में जुड़ गया है। प्रधानमंत्री की दिल्ली में पत्रकार वार्ता के ठीक पहले इस सैक्स सीडी कांड ने प्रेस वार्ता की धार को भोथरा कर दिया है। भाजपा के कुछ उच्चस्थ पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मूणत के बहाने गुजरात चुनावों में मोदी-शाह की साथ-साथ सरकार और संगठन पर पत्रकारों से भिड़ाने के षड्यंत्र के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा सूत्रों की माने तो गुजरात-हिमाचल के नतीजे जो भी हों, मगर ये तय हो गया है कि रमण सिंह की सरकार के दिन गिने चुने रह गए हैं और उन्हें मोदी विरोधी खेमे ने आगे कर अपना राजनीतिक दांव चल दिया है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री व मुख्यमंत्री डा‐ रमण सिंह के खासमखास राजेश मूणत की तथकथित सीडी की वजह से छत्तीसगढ़ पुलिस ने बिना विवेचना किए ही पत्रकार विनोद वर्मा को दिल्ली से सटे गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया। प्रधानमंत्री की भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित होने वाली प्रेस वार्ता के ठीक एक दिन पहले छत्तीसगढ़ सरकार में आनन-फानन में जिस तरीके से पत्रकार को जिस तरीके से हिरासत में लिया, उसने पीएम की पहले से तय पत्रकार वार्ता में भाजपा से नाराज चल रहे मीडिया के बड़े वर्ग को और अधिक उत्तेजित करने का काम किया है। गुजरात, हिमाचल के चुनावों से ठीक पहले पीएम पत्रकारों को साधना चाह रहे हैं, लेकिन उससे पहले रमण सिंह सरकार ने पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर मीडिया जगत में भाजपा के खिलाफ एकतरफा लामबंद करने का कार्य किया जिससे पीएम के कार्यालय की भृकुटी तन गई है। गिरफ्तारी में जितनी जल्दबाजी दिखाई गई है, उससे प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी सकते में हैं और मोदी विरोधी भाजपा में हो रही इस साजिश को बड़ी गंभीरता से लिया जा रहा है। गुजरात और हिमाचल के परिणाम जो भी हों, मगर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह पर गाज गिरेगी और संगठन और सरकार में चुनाव उपरांत महत्वपूर्ण बदलाव निश्चित है। केंद्रीय मंत्रीमंडल के साथ-साथ संगठन के भारी फेरबदल देखने को मिलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नजदीक से जानने वाले और उनकी कार्यशैली को समझने वाले विशेषज्ञों का भी मानना है कि मोदी को एक गंभीर राजनेता माना जाता है लेकिन मौका पड़ते ही वो अपने विरोधियों से बदला लेने वाले राजनीतिज्ञों में एक हैं। अब तक का उनका इतिहास इसकी पूरी गवाही देता है कि विरोधियों को निबटाने, ठिकाने और घर बैठाने में उनका कोई सानी नहीं। उनके विरोधी भी उनकी इस राजनीतिक भावना को भली-भांति समझते हैं। उनके साथ एक समय साइकिल पर साथ घूमने वाले संजय भाई जोशी, मोटरसाइकिल से गुजरात को नापने वाले शंकर सिंह वाघेला, संघ प्रचारक से उनको राजनीति में लाने वाले लालकृष्ण आडवानी, राजनीति में उनके रहने-ठहरने का इंतजाम करने वाले मुरली मनोहर जोशी और नीतीश द्वारा तिरस्कृत किए जाने के बाद उनके घुटने टिकवा लेने वाले नरेंद्र मोदी, आने वाले समय में डा‐ रमण सिंह का क्या हश्र करेंगे, इसके कयास भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में लगाए जा रहे हैं। पीएम की फितरत रही है कि जिसको एकटक मुस्कुराकर देख लें और चुप्पी साध लें तो उनका वह राजनीति शिकार होता है और उसकी राजनीति में वनवास की स्थिति वो तय कर चुके होते हैं।
सीडी कांड से मचे घमासान के बाद मूणत के इस्तीफे के सवालों को प्रदेश भाजपा ने दिल्ली के मिले इशारे के बाद एक सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मलाल कौशिक का कहना है कि सीडी के साथ छेड़छाड़ की गई है और पार्टी जब इस मामले में जांच के लिए पूरी तरह तैयार है. तो इस्तीफे का सवाल कहां उठता है ? लेकिन विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस के नेता लगातार हमलावर की भूमिका में हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेत्री व समाजसेवी गुरमीत कौर धनई ने आरोप लगाया कि पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ही फंसा रही है। उनका यह कहना अत्यंत महत्वपूर्ण भी है और कई गंभीर प्रश्न भी खड़े करता है। उनका कहना था कि चूंकि यह सीडी पहले से ही पब्लिक डोमेन में है इसलिए बिना किसी जांच के किसी वरिष्ठ पत्रकार को फंसाना और बिना विवेचना किए जल्दीबाजी में गिरफ्तार करना, लोकतंत्र में तानाशाही के साथ मीडिया की आजादी पर ही अंकुश लगाना है। गुरमीत कौर कांग्रेस की ओर से भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रदेश सरकार से इसकी स्वतंत्र जांच की मांग भी की है। वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारी में सेक्स सीडी ने हड़कंप मचा दिया है। इस कद्दावर नेता के कथित सेक्स सीडी बनाने के मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है, पुलिस ने गिरफ्तारी की वजह सीडी बनाकर ब्लैकमेल करना बताया। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया। मंत्री की तथाकथित सीडी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो चुकी है जिसको पत्रकार की गिरफ्तारी से गति मिल गई। ये ग्रुप में वीडियो वायरल हो रही है और ये भाजपा को गुजरात चुनाव से पहले बदनाम करने की एक भाजपा के अंदर से ही मोदी विरोधी खेमे की की साजिश मानी जा रही है। ये मामला ऐसा नहीं था कि इतना उतावलापन दिखाया जाता जिसको लेकर भाजपा का थिंक टैंक इसे बड़ी चूक मान रहा है। संगठन से जुड़े एक बड़े पदाधिकारी का कहना है कि इसकी बड़ी कीमत भाजपा को हिमाचल और गुजरात में चुकानी पड़ सकती है क्योंकि विपक्ष के सामने कमजोर दिख रही भाजपा ऐन चुनाव के पूर्व पूरे पत्रकार बिरादरी की नाराजगी नहीं झेल सकती। इन चुनावों के नतीजे जो भी हों, रमन सिंह ने अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया है।
गिरफ्तारी की भूमिका बनाते हुए राजेश मूणत ने प्रदेश भाजपाध्यक्ष धरमलाल कौशिक, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, प्रेम प्रकाश पाण्डेय समेत कई नेताओं के साथ सिविल लाईन थाना पहुंचकर वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा भाजपा कार्यसमिति के सदस्य प्रकाश बजाज ने भी उक्त पत्रकार के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। छत्तीसगढ़ पुलिस की तत्परता हैरान करने वाली है, किसके आदेश से हवाई मार्ग द्वारा दिल्ली पहुंचना और 12 घंटे के अंदर रायपुर पुलिस ने आधी रात को विनोद वर्मा को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। पहले उन्हें गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया गया उसके बाद रायपुर पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आगे की कार्रवाही के लिए रायपुर के लिए निकल गई। रायपुर पुलिस ने दावा किया कि पत्रकार विनोद वर्मा के वैभव खंड स्थित घर से 2 लाख रुपये और लगभग 500 सीडी बरामद की गई हैं। वहीं उनके खिलाफ रायपुर के पंडरी थाने में आईपीसी की धारा 384 और 507 के तहत मामला दर्ज किया गया .