बिलासपुर. बचपन से दिव्यांग होने के बाद भी तैराकी में प्रदेश का नाम रौशन करने वाली एक शहर की बिटिया पीलिया की गंभीर बीमारी से जूझ रही है प्राइवेट हॉस्पिटल में ईलाज ना करा पाने में असमर्थ पीड़िता के परिजनो की नजरे उन हाथों को तलाश रही जो मदद को आगे आए मगर अबतक ऐसा कोई फरिश्ता दिखाई नही दिया है बेटी की गंभीर हालत को लेकर चिंतित परिजन अब शासन-प्रशासन से मदद की गुहार की आस लगाए बैठे है।
सोच कर बड़ा अजीब लगता है कि जिस बेटी ने दिव्यांगता से परे उठकर प्रदेश को तैराकी में एक नही दो नही बल्कि करीब 35 गोल्ड मेडल दिलवाया वही बेटी आज जिंदगी और मौत से सिर्फ इसलिए जूझ रही है क्योंकि उसके पिता की आर्थिक हालात ठीक नही नगर निगम पम्प हाऊस के रिटायर्ड कर्मी मोतीलाल मिश्रा (सकरी वार्ड क्रमांक 1 अटल आवास) की दिव्यांग बेटी ममता मिश्रा को बेहतर इलाज की दरकार है।
नेहरू नगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पिछले दो दिनों से आईसीयू में भर्ती ममता को डॉक्टर मनोज गुप्ता ने पीलिया से ग्रस्त बता दिया है जो कि उसके ब्रेन में समा गया है वही लिवर खराब होने से ममता की हालत नाजुक बनी हुई है।
ममता के पिता ने ‘OMG NEWS NETWORK’ को बताया कि दो माह पहले ही वह नगर निगम की नौकरी से रिटायर्ड हुए है जमा पूंजी तो विभाग से अबतक मिली नही ऊपर से बेटी की तकलीफ सामने आ गई आननफानन में ममता को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती तो करा दिया मगर बढ़ते बिल के आगे हिम्मत हार रही है वही उन्हें लगता है कि अगर बेहतर इलाज मिल जाए तो बेटी स्वस्थ होकर वापस घर लौट जाएगी लेकिन ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है।
शासन से मिल चुका पुरस्कार..
ममता को दिव्यांग कहने में अच्छा तो नही लगता लेकिन दिव्यांगता को दरकिनार कर उसने तैराकी की हर प्रतियोगिता में अच्छे अच्छे को पछाड़ दिया है ढेरों गोल्ड मेडल के साथ रमन सरकार उसे शहीद कौशल यादव और राजीव पांडेय पुरस्कार व मेजर ध्यानचंद पुरस्कार से भी नवाज चुकी हैं।
पूरी मदद करूंगा.. शैलेश..
ममता की हालत को लेकर ‘OMG NEWS NETWORK’ पहले प्रदेश के स्वास्थ मंत्री टीएस बाबा से बात करना चाहा मगर उनसे संपर्क नही हो पाया वही इस मसले को लेकर नगर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि प्रदेश और नगर की सारी बेटियों की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है ममता के इलाज को लेकर डॉक्टर से चर्चा करता हु उसे जब जैसी आवश्यकता होगी बिल्कुल मिलेंगी।