बिलासपुर. हत्या के एक मामले में हाइकोर्ट से दोष मुक्त होने के बाद भी 7 माह अधिक जेल में सजा काटने को लेकर दो पीड़ित युवकों ने अपने संविधान का हनन और इस लापरवाही के जिम्मेदारो पर कार्रवाई के साथ उचित मुआवजे की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आखिरकार याचिका दाखिल कर दिया है।
‘OMG NEWS NETWORK‘ ने अपने पिछले अंक में मुंगेली जिले के ग्राम पथर्रा थाना लोरमी निवास प्रभु शंकर उर्फ लारा कौशिक और उसके साथी चित्रांग उर्फ मनीष ध्रुव के बेकसूरी की दास्तां और हत्या के एक मामले में हाईकोर्ट के द्वारा दोष मुक्त करार दिए जाने के बाद भी भाटापारा जिले की बलौदा बाजार जेल में 7 माह अधिक जेल की सलाखों के पीछे रखे जाने की खबर को प्रमुखता से छापा था। रोजी मजदूरी करने वाले दोनों युवकों ने भाटापारा के ग्रामीण थाने की पुलिस पर आरोप है कि हम बेकसूर है और पुलिस ने कोसमन्दा गांव के एक गुरुजी की हत्या का आरोप मढ़ बेवजह जेल भेज दिया इधर सजा काटने के दौरान हाईकोर्ट ने दोष मुक्त भी कर दिया मगर जेल प्रशासन और अन्य लोगों की लापरवाही के कारण 7 माह अधिक पीड़ित युवक जेल में सड़ते रहे।
इस मामले को लेकर अब पीड़ित पक्ष की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता अख्तर हुसैन ने पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दिया है जिसमें दोनों के संविधान का हनन और इन लापरवाही के लिए जिम्मेदारो पर कार्रवाई के साथ मुआवजा दिलाने हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है।
एक नजर पूरे घटनाक्रम पर..
6 साल पूर्व 23-24 दिसंबर के बीच भाटापारा जिले के ग्राम कोसमन्दा निवासी एक गुरुजी की जमीन विवाद के कारण अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी इस मामले में भाटापारा के देहात थाने की पुलिस जब आरोपियों तक पहुंचने में सफल नही हो सकी तो पुलिस ने अपने एक रिश्तेदार से कोसमन्दा मिलने आए मुंगेली जिले के ग्राम पथर्रा थाना लोरमी निवासी पेशे से किसान (मजदूर) प्रभु शंकर उर्फ लारा कौशिक व उसके साथी चित्रांग उर्फ मनीष ध्रुव पर सारा इल्जाम मढ़ हत्या का आरोपी बना बलौदा बाजार की उपजेल की चारदीवरियों में कैद कर दिया था।
दोनों युवकों ने खुद को बेगुनाह बता कर पुलिस पर आरोप लगाया कि भाटापारा देहात तत्कालीन थाना प्रभारी आर के राजपूत व उनकी टीम ने रात को घर वापस लौटते समय बस स्टैंड में हमसे पूछताछ की और नाम पता दर्ज कर जाने दिया इधर जैसे ही दोनों युवक कमाने खाने पुणे गए भाटापारा क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर वापस भाटापारा ले आई। हत्या का आरोप लगा 3 दिन रिमांड पर रखने के बाद सेशन कोर्ट में पेश कर जेल में डाल दिया। इधर जेल में रहने के दौरान हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल 2019 को दोष मुक्त कर दिया था लेकिन रायपुर जेल में होने के बाद भी 7 माह बाद 23 नवंबर को रिहा किया गया।