बिलासपुर. सेंट्रल जेल के भीतर काले कारोबार में मस्त जेल प्रबंधन कैदियों के रख रखाव को लेकर कितना जिम्मेदार है इसका एक और मामला सामने आया है। एनडीपीएस एक्ट के मामले में जेल में बंद सजायाफ्ता एक बुजुर्ग कैदी की मौत हो गई। लेकिन जेल प्रबंधन के कान में जू तक नहीं रेंगी। इधर अपने बुजुर्ग पिता के संदिग्ध मौत का कारण जानने उसके परिजन जेल प्रबंधन का चक्कर लगा रहे है। मगर उन्हें कोई ठोस वजह नही बताई जा रही है। जिससे यह स्पष्ट हो जाए की कोरोना महामारी के चलते उसकी मौत हुई या किसी अन्य बीमारी से जेल प्रबंधन की कारगुजारियों से परेशान होकर मृतक के परिजनों ने न्याय दिलाने जेल मुख्यालय से लेकर प्रदेश के राज्यपाल, गृह जेल मंत्री और मानव अधिकार आयोग समेत तमाम लोगों चिट्ठी लिखी है।
कोरबा निवासी रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी भागीरथी साहू (70) वर्ष की मौत एक रहस्य बनकर रह गया है। एनडीपीएस एक्ट के मामले में सजा काट रहे बुजुर्ग की किन परिस्थितियों में मौत हुई इसका जवाब जेल प्रशासन के पास नही है। सेंट्रल जेल की चार दिवारियो के भीतर काले कारोबार में व्यस्त जेल प्रबंधन पर मृतक के परिजनों ने तरह तरह का आरोप लगाया है। मृतक की बेटी अम्बिका साहू ने ‘OMG NEWS NETWORK’ को बताया कि किस तरह कुसमुंडा थाने की पुलिस ने उसके पिता को मात्रा से अधिक प्रतिबंधित दवा रखने के जुर्म में बिना वजह गिरफ्तार किया और कोर्ट के आदेश पर जेल में ठूस दिया। जबकि इस पूरे मामले में मृतक भागीरथी साहू का कहि कोई रोल नही था। इस बात की पुष्टि कोरबा पुलिस की जांच में सामने आ सकती है।
कोरबा के विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस की कोर्ट के आदेश पर 30/07/18 को मृतक को दस साल की सजा सुनाई गई। जिसके बाद उसे जेल दाखिल कराया गया। दो साल से अधिक सजा काट चुके बुजुर्ग कैदी की जेल में कब तबियत बिगड़ी इसकी खबर उसके परिजनों को नही है। 11 अगस्त को जेल से अचानक मृतक के बेटे कृष्णा साहू के दोस्त को फोन पर बताया गया कि भागीरथी साहू की तबियत ज्यादा खराब है। उसके ठीक दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। पिता की संदिग्ध मौत के सदमे से उभर नही पाया साहू परिवार लगातार जेल प्रबंधन से उसकी मौत का कारण जानने का प्रयास कर रहा है। मगर जेल प्रबंधन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। मृतक के परिजनों ने जेल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उसके पिता की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। इस मौत के रहस्य को जानने लगातार साहू परिवार अपने स्तर पर भीड़ा हुआ है। इस दौरान उन्हें पता चला कि भागीरथी साहू ने सिम्स अस्पताल ले जाने से पहले जेल में ही दम तोड़ दिया था।
कब क्या हुआ..
कोरबा के बांकीमोंगरा निवासी रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी मृतक भागीरथी साहू के बेटे कृष्णा साहू की राज मेडिकल के नाम से दुकान है। 29/07/18 को कुसमुंडा थाने के तत्कालीन टीआई विजय चेलक ने थाना स्टाफ के साथ दुकान में रेड किया। इस दौरान दुकान पर बैठे भागीरथी साहू दो दुकान के कर्मचारी और दो ग्राहक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने मेडिकल संचालक मृतक साहू पर दुकान में मात्रा से अधिक प्रतिबंधित दवा स्टॉक करने का चार्ज ठोका तो वही दुकान के कर्मी और ग्राहको से दवा जप्ती की इस मामले में मृतक के बेटे कृष्णा साहू का नाम भी कुसमुंडा पुलिस ने अपनी एफआईआर में दर्ज किया है। पुलिस प्रतिबंधित कफ सिरप कुछ टैबलेट्स समेत करीब 41760 रुपए का माल जप्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत सभी को 30/07/18 को कोरबा के विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस की कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जिला जेल कोरबा भेज दिया गया। 16 माह का ट्रायल चलने के बाद 17/12/19 को कोर्ट का फैसला आया और भागीरथी साहू को दस साल की सजा हुई। जिसके बाद उसे सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
पीएम रिपोर्ट भी लापता..
इधर अबतक मृतक के परिजनों को पीएम रिपोर्ट भी नही मिली है। जेल का चक्कर काट काट के थक चुके साहू परिवार पीएम रिपोर्ट के लिए सिविल लाइन थाने भी गए थे। मगर थाने से भी निराशा हाथ लगी। वही मृतक के परिजन भागीरथी साहू के सेंट्रल जेल में दाखिले से लेकर उसकी मौत के टाइमिंग और दिन की जानकारी के लिए जेल प्रबंधन को एक और पत्र लिखा है।
डीआईजी ने फोन नही उठाया,जेल अधीक्षक ने कहा नेचुरल डेथ..
इस मामले में एस के मिश्रा (वरिष्ट परिवीक्षा कल्याण अधिकारी) जेल अधीक्षक चालू प्रभार से ‘OMG NEWS’ से फोन पर हुई चर्चा के दौरान उन्होंने पहले तो अनभिज्ञता जाहिर की उन्होंने कहा कि हो सकता है उस वक्त मैं छुट्टी पर रहा होंगा। ऑफिस में पता करने के बाद के बाद श्री मिश्रा ने बताया कि मृतक साहू की नेचुरल डेथ हुई थी अभी तक उसकी पीएम रिपोर्ट नही आई है। कोरोना से मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि जेल में 1 महिला और 2 पुरूषों की ही मौत कोरोना संक्रमण से हुई हैं। इधर डीआईजी जेल के के गुप्ता ने अपना मोबाईल रिसीव नही किया।