बिलासपुर. ट्रैफिक विभाग के एक सिपाही को अपने ही विभाग के आरक्षक को नो एंट्री में रोकना मंहगा पड़ गया। नशे में धुत्त मगर सब कुछ समझ रहे आरक्षक ने हुज्जत बाजी कर ट्रैफिक के सिपाही से हाथापाई कर उसकी वर्दी का फाड़ दी। इसके बाद भी उसका मन नही भरा और सिपाही को सबक सिखाने नशे में धुत्त आरक्षक घण्टो ट्रैफिक थाना के बाहर किसी जख्मी शेर की तरह घूमता रहा।
कुछ देर पहले ट्रैफिक थाने का नजारा बदला हुआ था। पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक अनिल सिंह ठाकुर (290) ने थाने के बाहर रोड़ में इतना बवाल मचाया की ट्रैफिक थाना स्टाफ ने बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा। पूरा माजरा दोपहर का है ट्रैफिक थाने के ठीक पीछे की रोड़ की किसी कारण से बंद कर गया था। नो एंट्री में ड्यूटी कर रहे यातायात के आरक्षक रजनीश लहरे ने दो पहिया वाहन से जबरन नो एंट्री में घुस रहे अनिल सिंह को रोका तो उल्टा वह ट्रैफिक आरक्षक से उलझ गया। नशे में धुत्त लाइन के सिपाही ने गाली गलौच कर ट्रैफिक आरक्षक की पिटाई कर दी जिससे उसकी वर्दी का बटन टूट गया।
इसके बाद भी नशे में धुत्त आरक्षक का मन नही भरा और कुछ देर बाद वह ट्रैफिक थाने के बाहर आकर गाली गलौच में उतारू हो गया। जब इस बात की जानकारी ट्रैफिक के एक वरिष्ट अधिकारी को लगी तो उन्होंने अनिल सिंह को काफी समझाने का प्रयास किया मगर वह नही माना और अधिकारी से भी बहस करने लगा। इसके बाद जैसे तैसे ट्रैफिक के सिपाहियों ने अनिल सिंह को रोड़ पर नाटक करने से रोका और भेज दिया।
नशे में धुत्त सिपाही अनिल का कहना था कि एक बार मैं और उक्त आरक्षक की पिटाई करुगा जिसने उसे रोक गाड़ी थाने में खड़ी कर दिया है। इसके लिए वह बकायदा अपने दोस्तों और भाई लोगो को भी बुलाने की धमकी दे रहा था वैसे घटना के बाद आरक्षक रजनीश लहरे ने अपनी रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में दर्ज कर दी है। वही ट्रैफिक थाने के बाहर हंगामा कर अधिकारी से दुर्व्यवहार करने वाले आरक्षक की सारी रपट टेलीफोनिक पुलिस कप्तान प्रशान्त अग्रवाल के पास पहुच गई है।
हार गए सिविल लाइन के पुलिस कर्मी..
नशे में धुत्त आरक्षक अनिल सिंह का ट्रैफिक थाने के बाहर रोड़ पर नाटक करने की खबर सेट से पुलिस कंट्रोल रूम को दिया गया। मौके पर पहुची सिविल लाइन थाने की पेट्रोलिंग टीम के दो आरक्षक भी उसे थाने नही ले जा पाए। उल्टा अनिल सिंह उन्हें जूनियर हो कहकर नोटिस के बिना थाने नही जाने कानून का ज्ञान देने लगा। वही थक हार कर पुलिस कर्मी एक एक कर मौके से खिसक लिए। अनिल सिंह नशे में जरूर है मगर वह इतना समझ रहा था कि कौन अधिकारी कौन साथी पुलिस कर्मी और कौन मीडिया वाले है। बस जो भी उससे रोक टोक करता वह उससे धमकी देकर ट्रैफिक थाने के इर्द गिर्द घूम रहा था।
(इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो जरूर बनाने का प्रयास किया गया। मगर नशे में धुत्त आरक्षक अनिल सिंह लगातार पुलिस के वरिष्ट अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस को इतनी गालियां दे रहा था की अफसरों की मान मर्यादा का ख्याल रखते हुए वीडियो को बना कर एडिट करना मुनासिब नहीं। इसलिए पाठकों को सिर्फ दूर से ली गई फोटो से ही संतुष्टि करना होगा)