रायपुर. प्रदेश में तत्कालीन बीजेपी की सरकार में हुए बहुचर्चित नसबंदी कांड का मामला विधानसभा में उछला। कांग्रेस विधायक शैलेश पाण्डेय ने स्वास्थ एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से पूरे घटनाक्रम की जानकारी चाही और पूछा कि इस मामले में कितनी महिलाओं की मौत हुई थी और उनकी मौत का कारण क्या था। वही सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई और जांच में क्या तथ्य सामने आए।
विधानसभा में बिलासपुर से विधायक शैलेश पाण्डेय ने नसबंदी कांड को लेकर स्वास्थ एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से सवाल किया। विधायक ने पाइंट टू पांइट पूछा की ..
विधायक पाण्डेय का सवाल..
बिलासपुर जिले के ग्राम पेन्डारी में नसबंदी शिविर कब लगाया गया था। उक्त शिविर में नसबंदी के बाद कितने महिलाओं की मौत हुई थी, मृतक महिलाओं की मृत्यु का क्या कारण था,और शासन द्वारा जांच में क्या पाया गया और दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई। सरकार के ही विधायक द्वारा नसबंदी कांड को लेकर किए गए सवाल के बाद मंत्री सिंहदेव ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया।
मंत्री सिंहदेव का जवाब,कारण स्पष्ट किया जाना संभव नही क्योंकि ?
जिले के ग्राम पेण्डारी में नसबंदी शिविर 8 नवंबर 2014 को लगाया गया था, उक्त शिविर में नसबंदी के बाद 12 महिलाओं की मृत्यु हुई थी, प्रकरण माननीय न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है। कारण स्पष्ट किया जाना संभव नहीं है, वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है,शिविर में लापरवाही बरतने के कारण डॉ . आर . के . भांगे , तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर , डॉ . आर . के . गुप्ता , एल.टी.टी.सर्जन , जिला चिकित्सालय , बिलासपुर को सेवा से बर्खास्त किया गया था वही डॉ . प्रमोद कुमार तिवारी , खण्ड चिकित्सा अधिकारी , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र , तखतपुर तथा डॉ . के . सी . उरावं , राज्य कार्यक्रम अधिकारी , परिवार कल्याण को निलंबित किया गया था।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा औषधि निर्माता मेसर्स महावर फार्मा , खम्हारडीह , रायपुर की औषधि अनुज्ञप्ति को निरस्त किया गया था इसके अलावा फर्म मेसर्स महावर फार्मा प्रायवेट लिमि . खम्हारडीह , रायपुर के संचालक रमेश महावर एवं सुमीत महावर के विरूद्ध थाना पण्डरी रायपुर में उपरोक्त घटना के संबंध में प्रथम सूचना प्रतिवेदन क्रमांक किया गया एवं महावर फार्मा प्रा . लिमि . के डायरेक्टर रमेश महावर , मेसर्स कविता लेबोटरीज , तिफरा बिलासपुर के भागीदार राकेश खरे एवं राजेश खरे विरूद्ध औषधि निरीक्षक बिलासपुर द्वारा प्रकरण माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय , बिलासपुर में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धाराओं के तहत परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
मेसर्स महावर फार्मा , व्ही.आई.पी. रोड खम्हारडीह , रायपुर को गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस ( जीएमपी ) प्रमाण पत्र प्रदान करने वाले तत्कालीन अनुज्ञापन प्राधिकारी को निलंबित किया गया था एवं उनके खिलाफ विभागीय जांच सस्थित है तथा विलंब से अभियोजन दायर करने के लिए विभाग द्वारा सहायक औषधि नियंत्रक एवं औषधि निरीक्षक को निलंबित किया गया है।