कोरबा. मंगलवार का दिन जिले के पुलिस कप्तान समेत अन्य पुलिस अफसरों के लिए फरियादियों से खचाखच भरा रहा किसी ने कहा कि घर पर भतीजे ने ताला जड़ दिया है तो कोई रिश्ता टूटने से परेशान था। साइबर अपराध से लेकर तमाम तरह की शिकायतों की शिकायतों से पुलिस अफसर रूबरू हुए। वही एक मामला तो घर घर की कहानी सास- बहू के तनाव को लेकर सामने आया जब इस मामले का निराकरण कर एसपी ने कहा कि माता पिता देवतुल्य होते है उनका सम्मान करना चाहिए तो ऐसा माहौल बना की दोनों पक्ष आपस मे साथ रहने को राजी होकर खुशी खुशी वापस लौट गए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद कोरबा जिले में पुलिस प्रशासन द्वारा पहला जनदर्शन आयोजित किया गया। पुलिस कप्तान भोजराम पटेल के द्वारा पुलिस आफिस परिसर में जनदर्शन लगाया गया । जिसमें कुल 68 शिकायतकर्ता उपस्थित हुए।
घर हुआ कब्जा मुक्त.
पीड़ित जगलाल पाल निवासी भदरापारा बालको ने शिकायत किया कि भतीजा उपेन्द्र पाल के द्वारा उसके घर पर कब्जा कर जबरदस्ती ताला बंद कर दिया है। पुलिस अधीक्षक श्री पटेल के द्वारा थाना प्रभारी बालकोनगर निरीक्षक राकेश मिश्रा को तत्काल मौके पर भेजकर ताला खोलवाने के निर्देश दिया जिसके बाद टीआई तत्काल ताला खुलवाकर आवेदक को घर का कब्जा दिलवाया गया।
टूटने से बच गए रिश्ते.
एक अन्य मामले में एक युवती ने शिकायत किया कि उसका विवाह एक युवक से तय हुआ था किन्तु किसी कारण से रिश्ता टूट गया था। उसके बावजूद युवक परेशान करता है।एसपी के द्वारा मौके पर दोनो पक्षों को बुलाकर आपसी सहमति से मामले का निराकरण किया गया । एक महिला के पति द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत पर पति-पत्नि को बुलाकर आपसी रजामंदी से एक साथ रहने हेतु सहमत किया गया वही एक महिला ने शिकायत की कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है किन्तु सास हमेशा परेशान करती है। एसपी के द्वारा पति-पत्नि को समझाया गया कि माता-पिता देवतुल्य होते है, जिनका सम्मान करना चाहिए, यदि माता पिता से कोई गलती होती है तब भी उस पर ध्यान नही देना चाहिए , पुलिस अधीक्षक की बातों को सुनकर दम्पति अपने मॉ के साथ खुशी-खुशी रहने हेतु सहमत हो गए ।
जिनके समस्याओं को पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने स्वयं सुना एवं जिन शिकायतों का मौके पर निराकरण किया जाना संभव था, उनका समाधान दोनों पक्षों को बुलाकर तत्काल किया गया । जो मामले अपराध पंजीबद्व किए जाने योग्य थे, उन प्रकरणों में अपराध पंजीबद्व कराया गया। जो मामले जॉच योग्य थे, उन मामलों को संबधित अनुविभाग के राजपत्रित अधिकारियों के पर्यवेक्षण में जॉच हेतु थाना/चौकी में भेजने हेतु आदेशित किया गया। कुछ मामले पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य होने से उचित फोरम पर शिकायत करने की सलाह दी गई । जनदर्शन में कोरबा शहर सहित लेमरू, श्यांग, पसान, बॉगो, पाली जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से भी शिकायतकर्ता पहुंचे थे।
इसी दौरान पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने देखा कि कार्यक्रम में आई एक महिला अस्वस्थ लग रही है। जिसके पास महिला अधिकारियों को भेजकर महिला का हाल चाल जाना ।
जनदर्शन के दौरान ज्यादातर शिकायतें घरेलू विवाद ,पति-पत्नि के मध्य विवाद ,सायबर संबंधी मामले एवं छोटे-मोटे लडाई झगडे से संबधित थी।
एक नजर शिकायत और निराकरण के आंकड़ों पर.
कुल प्राप्त शिकायत – 68
निराकृत शिकायतों की संख्या-17 अपराध पंजीबद्व कराया गया-08
जॉच हेतु संबंधित थाना/चौकी को भेजा गया-23
उचित फोरम पर शिकायत करने की सलाह दिए गए-07
काउंसिलिंग हेतु महिला परामर्श केन्द्र भेजा गया-13
अब इस दिन ये पुलिस अफसर मिलेंगे.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जनदर्शन का कार्यक्रम प्रत्येक सप्ताह में 06 दिवस लगाया जावेगा। जिसमें अलग-अलग अधिकारी फरियादियों की समस्याओं का समाधान करेगें। पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी आदेश के अनुसार पुलिस अधीक्षक द्वारा मंगलवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा शनिवार, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय द्वारा सोमवार, नगर पुलिस अधीक्षक दर्री द्वारा बुधवार, नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा द्वारा गुरूवार एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा द्वारा शुक्रवार को अपने-अपने कार्यालय में जनदर्शन लगाया जाएगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के थाना/चौकी प्रभारी सप्ताह में 03 दिवस एवं शहरी क्षेत्र के थाना/चौकी प्रभारी सप्ताह में 02 दिवस चलित थाना लगाकर ग्रामीणों का समस्याओं का निराकरण करेंगें।