राजनीतिक दल के आरटीआई अध्यक्ष के खिलाफ एनजीओ संचालिका ने खोला मोर्चा.

रायपुर. अभी न्याय के दरबार में एक जीजा और साले साहब की कहानी सोशल मीडिया में तैर ही रही थीं कि एक राजनीतिक दल के आरटीआई अध्यक्ष पर एक महिला ने गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है. जगदलपुर से अर्शिल शिक्षण व प्रशिक्षण वेलफेयर सोसायटी संचालित करने वाली शमीम सिद्धकी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजी गई। शिकायत में आरटीआई अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया है. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष के एक निज सहायक के फोन को रिकार्ड करने का दावा भी किया है. महिला का कहना है कि निज सहायक उससे सीधे-सीधे पचास फीसदी हिस्सेदारी की बात करते हुए कह रहे हैं कि अगर पैसा नहीं दिया गया तो जैव विविधता बोर्ड की तरफ से सौंपा गया काम निरस्त करवा दिया जाएगा. शमीम का कहना है कि पूर्व में भी आरटीआई अध्यक्ष और उनसे जुड़े लोगों ने चार से पांच लाख रुपए उनसे वसूल लिए हैं.

शमीम ने पत्र में लिखा है कि उनकी संस्था वर्ष 2005 से ही छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है. संस्था मुख्य रुप से घरेलू हिंसा में महिलाओं के संरक्षण, एचआईवी की रोकथाम, महिला उत्थान, बंधवा मजदूर, कौशल उन्नयन, विधिक सेवा, मानव तस्करी की रोकथाम और लोक जैव विविधता पंजी निर्माण का काम करती है.

महिला ने बताया कि आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए दो अन्य लोग आए दिन उनकी छवि खराब करने का काम कर रहे हैं. बड़े राजनेताओं के साथ निजी संबंधों का हवाला देते हुए गत एक साल से उनके ऊपर मानसिक दबाव डाला जा रहा है. आरटीआई अध्यक्ष कहते हैं कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे छत्तीसगढ़ में काम नहीं करने देंगे. आरटीआई अध्यक्ष का कहना है कि छत्तीसगढ़ के हर शासकीय काम में उनकी भूमिका रहती है. वे जो बोलेंगे वहीं होगा क्योंकि कई मंत्री और अधिकारी उनके आफीस में बैठकर चाय पीते हैं.

एनजीओ संचालिका ने पत्र में जानकारी दी है कि वह फिलहाल जैव विविधता बोर्ड की ओर से सौंपे गए काम को बेहतर ढंग से कर रही है, लेकिन आरटीआई अध्यक्ष इस बात की धौंस दे रहे हैं कि अगर परियोजना राशि का 50 फीसदी उन्हें नहीं दिया गया तो वे जैव विविधता कार्यादेश निरस्त करवा कर उनकी संस्था को काली सूची में डलवा देंगे.

शमीम सिद्धकी ने आगे लिखा है- मैंने आरटीआई अध्यक्ष की अनुचित मांगों के संबंध में संगठन के प्रभारी महामंत्री को भी मौखिक तौर पर जानकारी दी है. आरटीआई अध्यक्ष ने एक शख्स को निज सहायक बना रखा है. यह शख्स आए दिन कहता है कि अभी भी वक्त है पचास प्रतिशत दे दो नहीं दो कार्यादेश निरस्त करवा दिया जाएगा. शमीम का कहना है कि हर एनजीओ शासन से अच्छा और बेहतर काम हासिल हो जाए इसकी उम्मीद करता है. आरटीआई अध्यक्ष, उसके सहायक और उनके साथ जुड़े एक शख्स ने उन्हें कभी यह बताया था कि वन-धन योजना के अंर्तगत बड़ा काम दिया जाएगा. इस बाबत उन्होंने एक हजार रुपए के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट भी करवाया था. शमीम ने अपने पत्र के साथ एग्रीमेंट की प्रति भी मुख्यमंत्री के पास भेजी है. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की है. महिला का कहना है कि आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए लोग धमकी-चमकी और दबाव बनाने के खेल में संलिप्त रहकर लोकप्रिय और जनप्रिय सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. महिला ने आरटीआई अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े हुए लोगों की शिकायत कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रभारी महामंत्री रवि घोष और पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी को भी भेजी है.

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