बिलासपुर. एनटीपीसी सीपत ने पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें एनटीपीसी ने पिछले वर्ष से लेकर अब तक किए गए कार्यों का बखान किया। इस खुले मंच के आयोजन में एनटीपीसी के अफसर और पत्रकार आमने सामने एक दूसरे से रूबरू हुए,अफसरों ने जहाँ एक तरफ सीपत परियोजना का परिचय देते हुए अनुमोदन क्षमता,बिजली उत्पादन, प्रमुख उपलब्धियां निगम समाजिक दायित्व और सामुदायिक विकास कार्य और पर्यावरण संरक्षण जैसे अपने तमाम प्रयासों को पेश किया तो वही पत्रकारों ने जमीन अधिग्रहण के बाद नौकरियां,राख प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण,रोड़, बिजली मेंटेनेंस के अलावा बहुत सारे सवाल दागे, खुले मंच से तो कुछ सवालों के जवाब अधिकारियों ने बड़ी सादगी से दिया तो बहुत से सवालों पर उलझ गए। वही इस प्रोग्राम में एनटीपीसी की एक सिखाड़ी महिला पीआरओ का लड़खड़ाया मीडिया मैनेजमेंट भी देखने को मिला।
एनटीपीसी सीपत परियोजना का केवल 16 प्रतिशत बिजली छत्तीसगढ़ को मिलता है। शेष बिजली दूसरे राज्यों को मिलती है। वित्त वर्ष 2021-22 में 24 मार्च 2022 तक सीपत विद्युत गृह द्वारा 81. 58% पीएलएफ पर 20 887.2 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर पूरे एनटीपीसी में चौथा और पीएलएफ के मामले में छठा स्थान हासिल किया है।
वर्तमान में सीपत एनटीपीसी को दीपिका के कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति होती है और अभी हमारे यहां 13 दिन का कोयला स्टॉक में है। अगर कोयले की किल्लत होती है तो अन्य खदानों से भी कोयला लेने के लिए प्रयास किया जाएगा। हालांकि वर्ष 2020-21 के लिए एनटीपीसी सीपत को पूरे एनटीपीसी में निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर प्रथम स्थान घोषित किया गया है।
NTPC सीपत परियोजना के महाप्रबंधक घनश्याम प्रजापति ने पत्रकारों को बताया कि सीपत परियोजना द्वारा उत्पादित 26% बिजली गुजरात और 27% महाराष्ट्र को मिलता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को 16-16 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक 11 लाख से भी ज्यादा पौधरोपण किया जा चुका है और इस वर्ष 52000 पेड़ लगाए जाएंगे।
जब प्रेस क्लब ने जताई नाराजगी.
एनटीपीसी के इस आयोजन में पीआरओ नेहा खत्री पर तमाम पत्रकारों ने उनके मीडिया मैनेजमेंट को लेकर कई तरह के आरोप लगाए। सिखाड़ी पीआरओ की लड़खड़ाई व्यवस्था देखने को भी मिली,पीआरओ ने जिले के अलावा भरभराकर आयोजन में आने का न्योता न जाने कहा कहा भेज दिया था। इधर टारगेट से ज्यादा भीड़ आ गई और व्यवस्था का हाल बेहाल हो गया आलम तो यह था कि बाहर जाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा था इसे देख बिलासपुर प्रेस क्लब ने नाराजगी जताई और पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलक राज सलूजा ने एनटीपीसी के अफसरों को जमकर खरी खोटी सुनाई और कार्य्रकम का बहिष्कार करने कहा तो अफसर सन्न रह गए। पीआरओ को साइड कर उन्होंने माफी मांगी और डीजीएम विवेक चंद्र और उनकी टीम ने व्यवस्था को संभाला और भीड़ मैनेज कर श्री सलूजा व प्रेस क्लब के अन्य पत्रकारों का अच्छी तरह से शिष्टाचार किया।