बिलासपुर. आईजी रतनलाल डांगी ने रेंज के दो जिलों में पेंडिग कंप्लेन, मर्ग व अन्य शिकायतो को लेकर पुलिस अधीक्षकों की क्लास ली,इस वीसी समीक्षा बैठक में आईजी ने प्रकरणों के शीघ्र निराकरण करने का निर्देश दिया वही मर्ग प्रकरणों का तत्परतापूर्वक वैधानिक निराकरण के लिए मुंगेली और जीपीएम एसपी के वर्किंग को सराहा.
आईजी रतन लाल डांगी ने बुधवार को जिला मुंगेली और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के अजा/अजजा के राहत प्रकरण व लंबित अपराध, महिला व बच्चों संबंधी गंभीर अपराध, लंबित मर्ग एवं शिकायतें साथ ही अपराधों में पीड़ितों को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय किये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक एवं राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की वर्चुअल अपराध समीक्षा बैठक ली।
आईजी डांगी ने जिलों के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही संबंधी निर्देश दिए।आईजी द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि गंभीर किस्म के प्रकरणों में सतत विवेचना करते हुए यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण किया जाए।
प्रकरण लंबी अवधि तक विवेचना में लंबित न रहे। महिला संबंधी मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने निर्देश दिए साथ ही इस बात पर विशेष बल दिया गया कि जिलों मे महिलाओं, बच्चों से संबंधित प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करते हुए समय-सीमा के भीतर त्वरित निराकरण किया जाए। अनु.जाति/अनु.ज.जाति के प्रकरणों तथा पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत प्रकरणों में पीड़ितों को राहत के प्रकरणों का विशेष रूचि लेकर निराकरण कराया जावे। जनता विरूद्ध एवं पुलिस विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का भी प्राथमिकता के आधार पर जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही कराते हुए शिकायतों का त्वरित निराकरण किए जाने निर्देशित किया गया।
आईजी ने जिले के थाना/चौकी में लंबित महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराधों में सतत विवेचना कराते हुए 60 दिवस के भीतर निराकरण कराने एवं अपराधों का 60 दिवस की समयावधि के भीतर निराकरण नहीं होने पर संबंधित विवेचक की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी,वही मर्ग प्रकरणों की समीक्षा करते हुए आईजी ने संबंधित राजपत्रित अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए कहा कि उनके द्वारा सभी लंबित मर्ग प्रकरणों की समीक्षा की जाए। मर्ग प्रकरणों में विलंब से अपराध पंजीबद्ध किए जाने पर संबंधित थाना प्रभारी, जांचकर्ता अधिकारी और न.पु.अधी. व पु.अनु.अधि. का स्पष्टीकरण लिया जाकर संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गये।