बिलासपुर. सुख समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद देकर पार्वती नंदन श्री गणेश बैकुंठ धाम लौट गए,जगह जगह प्रथम पूज्य का लोगों ने पूजा आराधना कर आशीर्वाद मांगा। आम जनता ने इस दौरान पूरे समय मन वचन से श्री गणेश की सेवा कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया।
गणेश चतुर्थी की पूजा के बाद भगवान श्री गणेश अपने भक्तों को आशीर्वाद देकर बैकुंठ धाम लौट गए। आम जनता ने इस दौरान भक्ति भाव से शिवनंदन का पूजा पाठ किया। साथ ही गांव जिला और प्रदेश में अमन चैन का आशीर्वाद भी मांगा। पूरे समय भक्तों ने भजन संध्या के साथ ही जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया।
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने अपने जिला पंचायत क्षेत्र का भ्रमण किया। जगह-जगह आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत कर भगवान श्री सन्मुख गणेश से आशीर्वाद भी मांगा। जगह-जगह आयोजित कार्यक्रमों के बीच पहुंचकर अंकित गौरहा ने बताया कि हिंदू धर्म में किसी भी पूजा उपासना के पहले भगवान श्री गणेश की उपासना और पूजा होती है। हम 12 महीने सभी प्रकार के आयोजन में भगवान श्री गणेश की वंदना करते हैं। इसके बाद ही अन्य कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है।
सभापति गौरहा ने कहा कि सबसे पहले सार्वजनिक रूप से गणेश उत्सव मनाने का अभियान बाल गंगाधर तिलक के प्रयास से शुरू हुआ। आजादी के पहले गणेश उत्सव आयोजित करने का मूल उद्देश्य देश के लिए मर मिटने वालों को आजादी का संदेश देना था। इस दौरान भारत मां के बेटे आजादी को लेकर एकता का मंत्र जन जन तक पहुंच जाते थे। कमोबेश आज भी वही स्थिति है। हम जगह जगह गणेश उत्सव का आयोजन कर एकता और आपसी स्नेह का परिचय देते हैं।
हमारे देश में श्री गणेश उत्सव का स्थान सबसे ऊपर है। भगवान श्री गणेश हमारे बीच साकार रूप में उपस्थित रहते हैं। सभी की मुरादे भी पूरी करते हैं। सभी धर्मों के लोग इस दौरान देश में अमन चैन और भाईचारे का आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। जिला पंचायत क्षेत्र के कमोबेश सभी 21 ग्राम पंचायत में पहुंचने का अवसर मिला। इस दौरान भगवान के सामने मत्था टेक कर गांव गरीब जिला और प्रदेश की उन्नति का आशीर्वाद मांगा,साथ ही जगह-जगह आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शिरकत करने का अवसर मिला। इस बात की खुशी है कि सभी जगह खुशहाली का वातावरण देखने को मिला। लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर सुख समृद्धि की कामना की है।