बिलासपुर.सरकार की तरफ से समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी में धान बेचने वाले किसानों को खुलेआम नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एक ओर टोकन के लिए लगातार सोसाइटी के चक्कर लगवाया जा रहा है तो वहीं किसानों की धान तौल के लिए बोरी में भरते समय प्रत्येक बोरी में डेढ़ से दो किलो ज्यादा धान भरा जा रहा है।
इन्ही शिकायतो पर मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने महमंद धान खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण किया। उस दौरान धान उपार्जन केंद्र महमंद में भारी गड़बड़ी पकड़ में आई। उपार्जन केंद्र प्रभारी टंकेश्वरी साहू की उपस्थिति में जांच के दौरान कांटा बाट के साथ दर्जन भर हमाल उपस्थित थे। धान की बोरियों में अधिक धान की आशंका व्यक्त की गई। विधायक के निर्देश पर इंस्पेक्टर द्वारा पुनः धान की बोरियों का वजन कराया गया। इस दौरान सभी कट्टों में लगभग डेढ़ से दो किलो ग्राम अतिरिक्त धान मिला। जिस पर मस्तूरी विधायक ने कहा कि इस तरह से इस समिति में लगभग 10000 क्विंटल धान खरीदी की गई है। जिसमें किसानों को लाखों का लाखों का चूना लगा है।
मस्तूरी विधायक ने मार्फेड के अधिकारियों को समिति द्वारा खरीदे गए पूरे धान व किसानों को हुए नुकसान की जांच करने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं ।
गोलमाल का खेल.
शासन के नियम के अनुसार एक बारदाने में 40 किलो धान भरा जा सकता है। लेकिन गीले धान के वजन को आड़ बनाकर समिति वाले डेढ़ से दो किलो तक ज्यादा धान भर रहे हैं। किसान आपत्ति करे तो कह दिया जाता है कि परिवहन समय पर नहीं होने से धान फड़ में पड़े रहने से सूखता है। जिसके बाद एक बोरे का वजन 40 किलो से कम हो जाता है। जांच में यह सामने आया है कि ग्राम पंचायत महमंद की धान खरीदी केंद्र में पता चला कि यहां किसानों से लिए गए धान के प्रत्येक बोरे में डेढ़ से दो किलो ग्राम तक अधिक तौल कर ले रहे थे। जब धान खरीदी केंद्र प्रभारी श्रीमति टंकेश्वरी साहू इस बात की जानकारी मस्तूरी विधायक ने ली तो वे गोलमाल जवाब देती रही।
शार्टेज दूर करते हैं ज्यादा धान लेकर.
समिति को होने वाले इस नुकसान के बदले किसानों का धान ज्यादा लेकर शार्टेज की समस्या दूर कर ली जाती है। बिल्हा परिक्षेत्र के सबसे बड़े सोसाइटियों में महमंद का नाम पहले आता है। यही नहीं आसपास के खरीदी केंद्र में विगत कई सालों से शार्टेज की समस्या नहीं आई है। इसका भी एक बड़ा कारण यह है कि किसानों का धान तौल के समय ज्यादा धान एक्स्ट्रा लिया जा रहा है।
क्या है सूखत.
सूखत यानी धान का सूखना है। एक बोरे में 40 किलो के हिसाब से धान भरा रहता है। जब कस्टम मिलिंग होती है तो ट्रक में लोड होने के बाद धान के तौल में जो अंतर आए वह सूखत की मात्रा होती है। परिवहन नहीं होने पर सूखता है। नियमों के तहत 40 किलो के बाद बारदाने के वजन के बराबर 680 या 700 ग्राम तक तौल सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं तौल सकते हैं। और अगर ज्यादा तौलते तो यह किसानों को होने वाला नुकसान है। इसका विरोध करने पर किसानों को धान वापस करने धमकी तक दी जाती है। हर साल शिकायत के बावजूद भी शासन प्रशासन की तरफ से कोई निगरानी समिति नहीं बनती उच्च स्तरीय अधिकारी की शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई ना होकर महज खानापूर्ति होती है।
महमंद सहित विभिन्न मतदान केंद्रों का निरीक्षण.
महमंद सहित मस्तूरी विधायक ने विभिन्न धान केंद्रों का भी निरीक्षण किया। महमंद के बाद मस्तूरी विधायक जयराम नगर धान खरीदी केंद्र पहुंचे जहां उन्होंने केन्द्र का निरीक्षण कर किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि किसानों को हो रहे नुकसान का आंकलन कर सही वजन कर धान खरीदें।