(विजेंद्र यादव)
●मान्यता और परंपरा हर त्यौहार की शुरुआत होती है महाकाल से.
उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भस्म आरती के दौरान पंडित पुरोहित श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के साथ 40 कुंटल फूलों से खेली होली ऐसी परंपरा और मान्यता है कि हर त्यौहार की शुरुआत बाबा महाकाल से की जाती है सुबह तड़के 4 बजे भस्म आरती होने के पश्चात फूल होली का आयोजन परंपरा अनुसार हर वर्ष किया जाता है। इसी के साथ पूरे प्रदेश में होली उत्सव की शुरुआत हो गई है सोमवार शाम 6 बजे महाकाल के आंगन में होली का दहन किया जाएगा।
उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए।महा।निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।
भगवान महाकाल को जल से स्नान, अभिषेक कर पण्डे पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया।भगवान महाकाल को 40 क्विंटल फूल अर्पित कर मस्तक पर रजत त्रिशूल, त्रिनेत्र और चंद्र के साथ मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प अर्पित कर बाबा का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। ऐसी परम्परा ओर मान्यता है की सभी त्योहारों की शुरआत महाकाल मंदिर से होती है इसी क्रम में सोमवार को भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग,चन्दन,सिंदूर और आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मस्तक पर तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ साथ 40 क्विंटल सुगन्धित पुष्प से बाबा के साथ होली खेली गई। इस दौरान श्रद्धालु के साथ भी पण्डे पुजारियों ने फूलों की होली खेली इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद लिया।फल और मिष्ठान का भोग लगाया।
मंदिर के पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल के आंगन में भस्म आरती पश्चात 40 कुंटल फूलों से भक्तों पुजारियों और पुरोहितों ने भगवान के साथ होली खेली है आज रात रंगो की होली खेली जाएगी ऐसी मान्यता है कि भगवान के साथ भक्त सबसे पहले होली खेलते हैं।
(सोर्स)