‘रवि शुक्ला’
डिप्टी सीएम बनाम बैकअप.
कांग्रेस में एक बार फिर जय वीरु की जोड़ी हिट हो रही है। हालांकि गब्बर की गोली से कौन टपकेगा यह तो शोले फिल्म वाले ही जाने मगर यहां कांग्रेसी चिल्ला रहे हैं छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, कहते हैं ठोकर खाने के बाद लोग सुधरते हैं। ठीक इसी तरह कई हार के बाद कांग्रेस सुधरती दिख रही है।
राज्य के दिग्गज कांग्रेसियों के झगड़े के बाद पंजाब डूब गया था। फिर किसी राज्य में ऐसा ना हो उसके लिए कांग्रेस संगठन ने लगता है कोई नया फार्मूला तैयार कर लिया है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम एक अच्छे प्लेयर डी शिवकुमार को बनाना यही साबित करता है और डिप्टी सीएम वाला फार्मूला छत्तीसगढ़ में फिट करना यही साबित करता है कि कांग्रेस अब राज्यों में बैकअप प्लान कर चलने लगी भाजपा ईडी – फिडी के सहारे कोई दांवपेच करती है तो खुदा ना खासता किसी सूबे के नेतृत्व पर आंच आती है तो बैकअप के रूप में डिप्टी सीएम को सामने लाया जा सकता है। इसे राजनीतिक विशेषज्ञ संगठन में खड़गे की दूर दृष्टि पक्का इरादा मानकर चल रहे हैं।
नड्डा गोली और लाल.
बीते शुक्रवार को भाजपा का शहर में सियासी भंडारा हुआ। जिसमें नड्डा गोली पिपरमेंट बटी है, हैरत की बात तो यह है कि नगर के लाल की इसमें रंगत फीकी दिखाई दी। शायद बड़े बुजुर्ग इसलिए कहते हैं कि राजनीति में ज्यादा गुरुर नहीं करना चाहिए। क्योंकि जनता अर्श से फर्श तक ला सकती है।
नड्डा जी के मंच पर सारा प्रोग्राम देखने के बाद लोगों को समझ में आया कि जो कार्यकर्ता की तरह की तरह दौड़ दौड़ कर माला ला रहे,पहना रहे वह भाजपा की तीन साल की सत्ता में जलवा अफरोज हुआ करते थे। एक धारावाहिक सास भी कभी बहू थी की तर्ज पर लोग कहने लगे कि यह कार्यकर्ता कभी नेता थे अब भाजपा में ओहदेदारो का यह हाल है तो महावत कहावत तो दूर की बात है।
वाह.. पुलिस में अमन.
पुलिस की नौकरी में बहुत तीन पांच पंचायत है। ना चाहते हुए भी पुलिस महकमा तनाव में आकर अपनी व्यवहारिकता खो देता है। ऐसे में आईपीएस के अंदर अफसरी आ जाना सामान्य सी बात है। लेकिन पुलिस मैंन यही जनता में घुले मिले रहे तो उसे दस तरह की सूचनाएं मिलती हैं।
खैर अच्छे बुरे तो हर जगह होते हैं लेकिन अभी जिला पुलिस बल में अमन आया है। वो अमन चैन वाला नहीं अफसर का नाम है। है तो बिहारी ऊपर से पढ़ाई लिखाई गुजरात की और जॉब छत्तीसगढ़ में लेकिन उनकी व्यवहारिकता और मिलनसारिता को देखकर कोई कह नहीं सकता कि यह बिहार और गुजरात का कॉकटेल है एक नंबर मोकटेल है भाई एक बार मिलो तो सही.
हमर जिला पुलिस.
पहली – समाज मा नायक हे तो खलनायक के होना भी जरूरी हे, तभी ले नायकी चलहि अब जिला ले जाए के बेरा आ गे हे ता लगात चौका छक्का, परो दिन पकड़ डालिस बड़े मामला ला, कप्तान गदगद, नायक तार ले तार जोड़त अतका आगे निकल जाहि सोचे नई होही कोई, शहर के आऊ थानेदार मन ताकत रह गे एति काम हो गे.
कोई बतात रहीस कि अब्बड बड़े बड़ो के फोन आईस एला अइसे मत कर ओला छोड़ दे, विभाग के अफसरों मन घंटी घुमाए मा पीछे नई, कप्तान के बल मिलिस आऊ हो गे लाखो करोड़ों आनलाइन जुआ के हर हर महादेव.
दूसर– शहर से लगे कोन टा के दू स्टार वाले थानेदार आऊ मुंशी के जोड़ी खूब कमाल करथ हे, कामकाज जाए चूल्हा मा दे वसूली दे वसूली, अइसे लगथे पुलिस विभाग मा आमजन ला लूटे बर भर्ती हुए हे, अतका ईमानदारी ले बूता करे होतिस न ता आज कंधा मा स्टार सज जातिस आऊ गोरा चिट्टा मुंशी मिठलबरा थानेदार मन ला निपटाए के महारात हासिल हे।
कप्तान ला खबर होना जरूरी हे कि निजात शहर मा जमीन के लेनदेन के बूता करें के कसम थानेदार आऊ मुंशी खाए हे, माल अंदर मामला निपट गे, वो भी बिना डकार लिए, बिना जांच, कोई गवाह नई सीधा एक पार्टी ले मामला निपटाए के मोटा माल आऊ दुसर ला छोडे के जो मिल जाए, एक फोकट मा सलाह हे अभी ज्यादा नौकरी के दिन नई हुए हे बहुत आगे जाना हे धीरे चल सुरक्षित रहा जी, ज्यादा वर्दी के बेदर्दी के प्रसाद खाना ठीक नई, कप्तान गंभीर हे निजात के डंडा चलाए मा एक सेकेंड नई चूकहि आऊ कोने सिरा फिरा टकरागे न तो जवाब देत नई बनही कटघरा मा.