बिलासपुर. बहतराई स्थित इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का युवाओं के साथ भेंट मुलाकात कार्यक्रम में कई तरह के अलग-अलग नजारे देखने को मिले। सीएम की इंट्री किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं थी। एक तरफ जिला और पुलिस प्रशासन के अफसर कार्यक्रम को सफल बनाने चारों तरफ नजरे बिछाए थे तो वही युवा अफसर भी पीछे नहीं रहे हॉल और सीएम से युवाओं के संवाद के बीच उनकी भी टकटकी लगी रही। इधर मुख्यमंत्री से मिलने गोद में बच्चों के लिए एक दंपति इधर-उधर भटक कर सीएम से मिलने की जुगत में थे। जैसे ही अफसरों की नजर उन पर पड़ी तो सकते में आए अफसरों ने उक्त दंपत्ति का हाल जानने तहसीलदार को भीड़ के बीच रवाना कर दिया।
मेरे पिता का का स्वर्गवास हो गया है, मां बुजुर्ग है और जिस सरकारी आवास में मेरा लालन पालन हुआ उसकी स्थिति अब बहुत ही जर्जर हो चुकी है। नौकरी के दौरान मेरे पिता ने मकान को पांच लाख में खरीदा था। लेकिन उनके नहीं रहने के बाद मकान को तहसीलदार और राजस्व विभाग के द्वारा सील कर दिया गया है। सारा सामान घर के भीतर था जो अब है कि नही कहा नही जा सकता, कोई सुनवाई नहीं हो रही है,कई बार मुख्यमंत्री निवास में भी इस समस्या को लेकर आवेदन दे चुकी हूं पेंड्रा के एसडीएम से बात करो तो वह भद्दे शब्दों का प्रयोग करते हैं। कुछ इस तरह का आरोप लगा 88 वर्षीय हेमलता तिवारी की बेटी सुनीता तिवारी अपने पति और बच्चो को गोद में लिए मंगवालर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में युवाओं की भीड़ के बीच सीएम से मिलने की जुगत में अपनी व्यथा सुनाने युवाओं की भीड़ के बीच इधर उधर भटक रही थी।
कुछ देर के बाद नए आईजी आनंद छाबड़ा और निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत की नजर दोनो पर पड़ी और उन्होंने मामले को भांप कर स्टेज के आसपास खड़े कुछ जूनियर आईपीएस और एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों के कान खड़े किए सकते में आए अफसरों ने तहसीलदार अतुल वैष्णव को इशारा किया और तहसीलदार भागते हुए सुनीता तिवारी दंपत्ति के पास आए और उनकी बात सुन आवेदन लिया।
सुनीता तिवारी ने ‘OMG NEWS’ को फोन पर बताया कि उनका मायका पेंड्रा है। इनके स्वर्गीय पिता जिला सहकारी बैंक में थे। जिस क्वार्टर में यह लोग रहते थे अब शासकीय संस्थानों के अनुसार वह अब स्वास्थ्य विभाग का क्वार्टर है। लेकिन इन भाई बहनों का पालन पोषण और विवाह वहीं से हुआ है। श्रीमती तिवारी की शादी तखतपुर में हुई है। मां को कैंसर है भाई की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जो बाहर रहता है। कुछ समय से इनको शासकीय विभाग से आदेशित किया गया है। क्वार्टर खाली करने के लिए सरकारी क्वार्टर का हवाला देकर पिता का निधन हो गया है। बुजुर्ग मां अकेली है क्वार्टर भी खाली कराया जा रहा है। जिससे सील कर दिया गया है क्वार्टर के अंदर जो सामान था वह चोरी हो चुका है उनके रहने का कहीं ठिकाना नहीं है इसीलिए भी मां के दुख की घड़ी में खड़ी है। लेकिन इससे इसके गृहस्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
तहसीलदार ने कहा.
तहसीलदार अतुल वैष्णव ने ‘OMG NEWS’ को बताया कि मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात के दौरान पेंड्रा का एक परिवार अपने मकान की कुछ समस्या को लेकर आया था। जिन से मैंने बात की और उनका आवेदन लेकर सीएम के ओएसडी को दे दिया है।
एक खाट हम साथ.
राज्य में भूपेश सरकार आने के बाद बीते साढ़े चार में शहर कांग्रेस में जमकर गुटबाजी सामने आई ए और बी टीम की आपस में खींचतान किसी से छिपी नहीं भले की सीएम को दिखाने के लिए ही सही लेकिन भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्टेज पर गुटबाज कांग्रेस के अलग अलग कई धड़े एक खाट एक साथ होने का मैसेज दिया।
(एकजुटता बया करती फोटो)
नवा अफसरों पर नजर.
सीएम के भेंट मुलाकात में नए कलेक्टर संजीव कुमार झा और आईजी आनंद छाबड़ा पर सब की नजर टिकी रही। सीएम संग युवाओं के इस प्रोगाम में युवा अफसर तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार और निगम कमिश्नर दुदावत, तहसीलदार अतुल वैष्णव व कुछ अन्य अफसरों का सारा मैनेजमेंट दुरस्त रहा। इधर पड़ोसी जिले के एक आईएएस का नाम करीब पांच बार पुकारे जाने और गेस्ट लोगों का आईएएस के द्वारा किए गए वेलकम का अंदाज काफी चर्चा में है।
सब कुछू ठीक रहिस कका मगर हवा नई लगिस.
अब्बड दिन बाद कका भूपेश सरकार के जिला प्रशासन के जनसंपर्क विभाग वाले हा पत्रकार मन के बढ़िया व्यवस्था करे रहीस, पीआरो संग ओखर बाकी के संगी साथ,लेकिन कका भारी गर्मी लागत रहीस, पत्रकार मन गोठियाए लगे कि सबो ठीक हे हवा खिलवा देते ता हमन ला आऊ मजा आथिस.