बिलासपुर. शहर में चुनावी समर के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जोर पकड़ने लगा है। कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार की एक दूसरे से जोरदार टक्कर में नगर विधायक और बिलासपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पाण्डेय ने बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल पर कोरोना काल में नदारद रहने और पंद्रह साल के कामकाज का हिसाब मांग जमकर घेरा है।
नगर विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पाण्डेय ने एक बयान जारी कर नगर सेठ कहे जाने वाले बिलासपुर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के बयानों को उल जुलूल करार देते हुए पलटवार किया है।
इस बीच सोशल मीडिया पर नगर विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पाण्डेय की कोविड के समय बिलासपुर और आसपास की जनता के लिए किए गए सहयोग की तस्वीरे सामने आ रही है तो वही बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल अपने परिवार संग थाली पीटते नजर आ रहे हैं।
विधायक ने झेला एफआईआर का दर्द.
राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बाद शायद यह पहला मामला होगा जिसमें सत्ताधारी विधायक शैलेश पाण्डेय पर कोरोना काल में अपने सरकारी बंगले में भीड़ बुला राशन बाटने का आरोप लगा और एफआईआर तक खींच गई। इतना कुछ होने के बाद विधायक शांत रह सब कुछ सहते रहे और कोरोना में शहर की आम जनता की मदद करना सर्वोपरि समझा।
विधायक पाण्डेय ने कहा कि अमर अग्रवाल अपने चुनाव प्रचार में झूठ का पुलिंदा लेकर गली गली घूम रहे है और कांग्रेस के 5 साल का हिसाब मांग रहे है खुद के 15 साल के असलफल कार्यकाल को बताने उनकी हिम्मत नही है। 15 साल न सही कम से कम दो साल कोरोना काल में कहां गायब थे। इसका जवाब तो अपने दिल पर हाथ रख खुद सेठ के समर्थक नही दे पाएंगे। इतना ही बता दें तो शहर की जनता उनकी असलियत जान जाएगी।
बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पांडे ने भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में शहर के जो भी परिवार पीड़ित और प्रभावित रहे हैं। जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है वह कभी भी कोरोना काल की त्रासदी को नहीं भूल पाएंगे ऐसे समय में सेठ अमर अग्रवाल अपने घर में दुबके पड़े थे। जबकि शहर की जनता के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के अनेक कार्यकर्ता उनके परिवार कोरोना की त्रासदी को झेल रहे थे।
सेठ अग्रवाल ने दिया निष्ठुरता का परिचय.शैलेश पाण्डेय.
नगर विधायक शैलेश पाण्डेय ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड के समय शहर में कई मौते हुई लेकिन सेठ अमर अग्रवाल शहर की जनता का हाल-चाल जानना और मदद करना तो दूर भाजपा के कार्यकर्ताओं तक का हाल जाने का कोई प्रयास नहीं किया। कोरोना काल की भयावह त्रासदी से पीड़ित लोगो की मदद करने और जान बचाने दुश्मन तक ने आगे आकर और दुश्मनी भुलाकर लोगो की मदद की मगर सेठ अमर अग्रवाल ने निष्ठुरता का परिचय देते हुए किसी की मदद करना तो दूर अपने घर में घुसे रहे। यहां तक की भाजपा कार्यकर्ताओं तक के लिए अपने घर के दरवाजे को बंद रखा। ऐसी स्थिति में अनेक पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता मेरे पास आए मैंने दलगत राजनीति से परे हटकर जो बन पड़ा मैंने उनकी मदद की और आज सेठ अमर अग्रवाल ऐसे भाजपा कार्यकर्ताओं को बहलाने फुसलाने में लगे है।
जनता अब अमर अग्रवाल के बहकावे में नहीं आने वाली.
श्री पांडेय ने कहा की शहर की जनता अब अमर अग्रवाल के बहकावे में नहीं आने वाली है। जनता अमर अग्रवाल के चाल,चरित्र और चेहरे को अच्छी तरह जान चुकी है और इस बार उन्हें राजनीति से सन्यास लेने के लिए विवश कर देगी। यदि सेठ अमर अग्रवाल में हिम्मत है तो वे बिलासपुर की जनता के समक्ष सार्वजनिक रूप से यह बताए कि कोरोना काल के दो साल कहां छिपे हुए हुए थे और इसके लिए माफी भी मांगे लेकिन शहर की जनता उन्हें माफ नही करने वाली है।