नारायणपुर। आपने विवाह का वर्षगांठ तो अक्सर सुना होगा, लेकिन धरना का वर्षगांठ आपने नहीं सुना होगा. ऐसा ही कुछ बीते एक साल से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने किया.नारायणपुर जिले में अलग-अलग जगह पर धरने पर बैठे आदिवासी ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय से लगभग 26 किमी दूर इरकभट्टी धरना स्थल पर एकत्रित होकर धरना का पहला वर्षगांठ मनाया. कार्यक्रम की शुरुआत रैली निकालने के साथ हुई, जिसके बाद पूजा-अर्चना के बाद नाच-गाना किया गया.
दरअसल, जिले 5 अलग-अलग जगह इरकभट्टी, ब्रहबेड़ा, तोयामेटा, मड़ोनार एवं ओरछा में घने जंगलों के बीच अस्थायी झोपड़ी बना कर अबूझमाड़ के हजारों आदिवासी ग्रामीण पिछले एक वर्ष से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीण मूल पेसा कानून लागू करना और वन संरक्षण अधिनियम 2022 को रद्द करने के अलावा नवीन पुलिस कैम्प स्थापना व सड़क चौड़ीकरण का विरोध कर रहे हैं.
मांगों को लेकर दो से तीन दफा ग्रामीण अपने धरना स्थल से पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन भी सौंपा, परन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने सभी धरना स्थल के ग्रामीण इरकभट्टी धरना स्थल में अपने पारंपरिक हथियारों के साथ हजारों की संख्या एकत्रित होकर धरना का पहला वर्षगांठ मनाया.