जीवन और मौत की संघर्ष में जीवन ने मारी बाजी, सुरंग से निकाले गए 41 मजदुर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार को वह ‘मंगलघड़ी’ आई जिसका ना सिर्फ मजदूरों के परिवारों बल्कि पूरे देश को इंतजार था। 400 से अधिक घंटे तक देसी-विदेशी मशीनों और एक्सपर्ट ने मुश्किलों और चुनौतियों से भरे मिशन में हर बाधा को पार किया। मलबे में 800 एमएम की पाइप डालकर एक स्केप टनल बनाया गया जिसके जरिए मजदूरों ने बाहर निकाला जा रहा है।  टनल के बाहर पहले से तैनात एंबुलेंस के जरिए मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा। अस्पताल में हेल्थ चेक अप और आवश्यक इलाज के बाद मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा।  

दिवाली की सुबह हुआ था हादसा


उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में रविवार को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गए।

प्लंबर ने दी सबसे पहले हादसे की सूचना


हादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई।

पाइपलाइन थी लाइफलाइन


सुरंग से पानी निकासी के लिए लगाई गई एक पौने चार इंच की पाइप लाइफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गए। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गईं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।

किस राज्य के कितने मजदूर
झारखंड- 15
उत्तर प्रदेश- 8 
ओडिशा-5
बिहार-5
पश्चिम बंगाल-3
उत्तराखंड-2
असम-2
हिमाचल प्रदेश -1 

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