मुंगेली। मुंगेली-बिलासपुर नेशनल हाईवे (NH-130) का काम 5 साल से चल रहा है. सरकार बदल गई लेकिन इस रोड की हालत जस की तस है. आलम ये है कि कुछ जगहों पर काम भी शुरू नहीं हो सका. क्योंकि मुआवजा को लेकर कई प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है. और तो और निर्माणाधीन सड़क का काम पूरा भी नहीं हुआ है, इससे पहले रोड में दरार और परते उधड़ना भी शुरू हो गया है.
इससे स्थानीय लोग और बीजेपी-कांग्रेस के स्थानीय नेता लेटलतीफी के साथ गुणवत्ता को लेकर एक स्वर में निर्माण एजेंसी के अफसर और ठेकेदार पर सवाल उठाने लगे हैं. उनका आरोप है कि गुणवत्ताहीन काम होने की वजह से नवनिर्मित सड़क जवाब देने लगी है. जानकारी के मुताबिक मुंगेली से बिलासपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग-130 (NH-130) पर सड़क निर्माण के लिए 260 करोड़ की लागत से 2018 में सड़क बनाना स्वीकृत हुआ था. लैंडमार्क डेवलपर्स नाम की कंपनी के साथ निविदा के बाद सड़क निर्माण के लिए अनुबंध किया गया.
समय पर काम पूरा नहीं करने और काम अधूरे छोड़ देने के बाद 175 करोड़ रुपये उक्त सड़क की निर्माण के लिए फिर से रिवाइज किया गया और फिर एक बार निविदा निकालकर दूसरे ठेकेदार कन्हैया अग्रवाल को सड़क निर्माण का ठेका दिया गया. कुल मिलाकर 435 करोड़ रुपये और 5 साल का समय बर्बाद करने के बाद भी आज तक सड़क को दर्जनों जगह अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया है. हालांकि मामले में अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले ने मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कही है.