स्पोर्ट्स डेस्क. भारत के युगल विशेषज्ञ टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना (Rohan Bopanna) अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर रोज नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं. बोपन्ना 43 वर्ष की उम्र में पुरुष युगल रैंकिंग में विश्व के नंबर-1 खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था और अब भारत का यह स्टार खिलाड़ी अपने पहले ग्रैंडस्लैम खिताब (Grand Slam trophy) से महज एक कदम दूर है. बोपन्ना ने ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू एबडेन (Matthew Ebden) के साथ मेलबॉर्न पार्क (Melbourne Park, Australia) में पुरुष युगल फाइनल में प्रवेश कर लिया है. दूसरी वरीयता प्राप्त बोपन्ना-एबडेन की जोड़ी ने थॉमस माचाक और झांग झिंझेन की जोड़ी (Tomas Machac-Zhang Zhizhen) को गुरुवार को तनावपूर्ण सेमीफाइनल में 6-3, 3-6, 7-6 (10-7) से हराया. करीब दो घंटे तक चले मैच में सुपर टाइ ब्रेकर्स में उनका अनुभव काम आया.
बता दें कि झांग विश्व रैंकिंग में 54वें और माचाक 75वें स्थान पर हैं. दोनों एकल रैंकिंग में शीर्ष-100 में होने के साथ बेहद शानदार खिलाड़ी है और उन्होंने बोपन्ना तथा एबडेन को कड़ी चुनौती दी. एक दिन पहले ही बोपन्ना ने विश्व युगल रैंकिंग में शीर्ष स्थान सुनिश्चित किया था. उन्होंने मैच में दमदार सर्विस और स्ट्रोक्स का प्रदर्शन किया. वह 2013 और 2023 में यूएस ओपन फाइनल में पहुंचे हैं लेकिन ग्रैंडस्लैम खिताब नहीं जीत सके. अब 43 वर्ष की उम्र में वह अपना यह सपना पूरा करने से एक जीत दूर हैं. बोपन्ना और एबडेन का सामना अब इटली के सिमोन बोलेली और आंद्रिया वावास्सोरी (Simone Bolelli-Andrea Vavassori) से होगा जिन्होंने जर्मनी के यानिक हांफमैन और डोमिनिक कोफेर को 6-3, 3-6, 7-6 से हराया. मैच के बाद बोपन्ना ने कहा कि, सर्किट पर हमने कई सुपर टाइब्रेकर खेले हैं. हमारे प्रतिद्वंद्वियों का रिटर्न बेहतरीन था जिससे हमें सर्विस मजबूत रखनी थी. एबडेन के साथ मेरा तालमेल अच्छा रहा है. अपनी उम्र पर उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे काफी तैयारियां चलती रहती है. मेरे साथ एक बड़ी टीम है. मैंने अपना फोकस बनाए रखा और फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया. मैं सिर्फ योग करता हूं और मुझे लगता है कि मानसिक मजबूती से मदद मिली. एबडेन ने कहा कि घरेलू दर्शकों के सामने जीतना खास है. उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. प्रतिद्वंद्वी काफी खतरनाक थे. युगल विशेषज्ञों का सामना एकल विशेषज्ञों से था और दर्शकों को मजा आया होगा. हम काफी मेहनत कर रहे हैं और अब एक मैच बाकी है. अब बोपन्ना और एबडेन की कोशिश अपने सपनों को साकार करने की होगी.