रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को उप मुख्यमंत्री अरूण साव के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 14,380 करोड़ 52 लाख 32 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गई. इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 2,677 करोड़ 50 लाख 85 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग-नगरीय निकाय के लिए 44 करोड़ 04 लाख 60 हजार रूपए, लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल के लिए 3,471 करोड़ 38 लाख 96 हजार रूपए, न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 925 करोड़ 61 लाख 57 हजार रूपए, लोक निर्माण कार्य-भवन के लिए 1,844 करोड़ 41 लाख 91 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं नगरीय विकास-नगरीय कल्याण के लिए 2,096 करोड़ 69 लाख 52 हजार रूपए.लोक निर्माण विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजना के लिए 575 करोड़ 62 लाख 32 हजार रूपए और नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए 2,745 करोड़ 23 लाख 94 हजार रूपए शामिल हैं. अनुदान मांगों की चर्चा में 23 सदस्यों ने भाग लिया और बजट प्रावधान की प्रशंसा की और सुझाव दिए. उप मुख्यमंत्री साव ने अनुदान मांगों की चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ निर्माता, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के यादों को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अटल चौक बनाने की घोषणा की. उन्होंने सदस्यों की मांग एवं सुझावों को भी गंभीरता लेने की बात कही.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने अपने विभागों की अनुदान मांगों की चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री की गारंटी का मतलब है कि ‘‘गारंटी पर भी गारंटी है‘‘ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में हमारी सरकार मोदी जी की इन गारंटियों को पूरा करने का काम कर रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भी मोदी जी की गारंटियों को पूरा करने का प्रावधान रखा गया है.
उप मुख्यमंत्री साव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि ‘‘जल है तो कल है‘‘ जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हमारी सरकार घर-घर 55 लीटर शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम कर रही है.
उप मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि राज्य सरकार के जल जीवन मिशन अंतर्गत सिंगल विलेज एवं रेट्राफिटिंग की कुल 29 हजार 181 योजनाएं के लिए 22,442 हजार करोड़ 12 लाख 21 हजार रूपए की स्वीकृति की गई है. अब तक 38 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों से अधिक नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं. योजना के माध्यम से 49 लाख 99 हजार ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया जाना है. उन्होंने कहा कि प्रस्तुत बजट में ग्रामीण जल योजनाओं के लिए 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है. वहीं नाबार्ड पोषित सौर आधारित ग्रामीण जल प्रदाय योजना के लिए 4 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है. इस वर्ष जल जीवन मिशन के अंतर्गत 29 लाख 7 हजार घरेलू नल कनेक्शन का प्रावधान किया गया है. इसके लिए राज्यांश के रूप में 4 हजार 500 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से 15 समूह जल प्रदाय योजनाओं से 365 ग्रामों के ग्रामीण परिवार लाभान्वित हो रहे हैं, इसके लिए बजट में 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि नगरीय योजनाओं हेतु 36 करोड़ 39 लाख अनुदान एवं 26 करोड़ 50 लाख रूपए का ऋण का प्रावधान किया गया है. साथ ही मेकाहारा अस्पताल में आम जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए भी प्रावधान रखा गया है.
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग
उप मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अनुदान मांगों के भाषण में कहा कि हमारी सरकार सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6,044 करोड़ 7 लाख रूपए का प्रावधान राज्य की नगरीय निकायों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए किया है. इस राशि में प्रमुख रूप से राज्य के नगरीय निकायों को चुंगी क्षतिपूर्ति खत्म करने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता के रूप में 1215 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. श्री साव ने कहा कि नगरीय निकायों के बुनियादी सुविधाओं एवं अन्य अधोसंरचना विकास हेतु 700 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. शहरी आवासहीन, गरीब परिवार एवं अल्प आय वर्ग परिवारों को पक्का आवास प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है. सबके लिए आवास मिशन अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 01 हजार 01 करोड़ 57 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है. अमृत मिशन-दो एवं पेयजल आवर्धन योजनाएं के लिए 795 करोड़ 67 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है. स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत रायपुर एवं बिलासपुर के विकास के लिए 404 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है.
स्वच्छ भारत मिशन के लिए 411 करोड़ 12 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर लाईब्रेरी सह रीडिंग निर्माण के लिए प्रदेश के 22 नगरीय निकायों में सर्वसुविधायुक्त सेंट्रल लाईब्रेरी का निर्माण किया जाएगा, इसके लिए 148 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. हमारी सरकार ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और ई-गर्वेनेंस योजना के लिए भी विशेष बजट प्रावधान रखा है.
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि शहरी क्षेत्र में निवासरत नागरिकों को उनके चौखट पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक के तहत लाखों मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. इसके लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
लोक निर्माण विभाग
उप मुख्यमंत्री साव ने लोक निर्माण विभाग की अनुदान मांगों की चर्चा में कहा कि प्रदेश की सड़कों पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है ,जिसके कारण महत्वपूर्ण सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना, विद्यमान मार्गों का सुदृढ़ीकरण करना एवं जीर्ण-शीर्ण व संकीर्ण पुलों की चौड़ाई बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए यातायात घनत्व को देखते हुए शहरों के बाहर रिंग रोड़ बनाने, शहर में यातायात सुगम करने हेतु फ्लाई ओवर, रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में लोक निर्माण विभाग का कुल बजट 8016 करोड़ 84 लाख 34 हजार रूपए प्रावधानित है. जिसमें नये कार्यों के लिए 1275 करोड़ 52 लाख 89 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है. सड़कों की मरम्मत के लिए 396 करोड़ 98 लाख 96 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है. उन्होंने चर्चा के जवाब में बताया कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आवागमन सुविधा को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है. इसी कड़ी में सड़कों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ में इंडियन रोड कांग्रेस का सम्मेलन कराने का निर्णय लिया है, इसके लिए 4 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति उप योजना अंतर्गत नये कार्यों के लिए 64 करोड़ 19 लाख रूपए तथा अनुसूचित जाति क्षेत्र के विकास कार्य के लिए भी प्रावधान किया गया है.
विधि और विधायी कार्य
उप मुख्यमंत्री अरूण साव विधि और विधायी कार्य पर चर्चा में कहा कि राज्य में न्याय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए के भी विशेष प्रयास किए जा रहे है. न्यायालयों की व्यवस्था, स्थापना एवं अन्य कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1228 करोड़ 54 लाख 5 हजार रूपए का बजट प्रावधान किया गया है. न्यायालयों की स्थापना के लिए सपोर्टिंग स्टाफ सहित कुल 360 पदों के सृजन के लिए 20 करोड़ 92 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है.
सत्र न्यायालय बीजापुर की स्थापना के लिए 44 पदों के सृजन के लिए 1 करोड़ 45 लाख रूपए, उच्च न्यायालय बिलासपुर में 220 विभिन्न पदों के सृजन के लिए 15 करोड़ 21 लाख 63 हजार रूपए, ई-कोर्ट मिशन प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के लिए 26 करोड़ 64 लाख रूपए, फास्ट ट्रेक कोर्ट मुंगेली में नवीन पदों के सृजन, शासकीय अभिभाषक/लोक अभियोजक कार्यालय में 50 पदों के सृजन, परिवार न्यायालय कटघोरा की स्थापना में 19 पदों के सृजन और विधि विधायी कार्य विभाग की स्थापना में 19 पदों के सृजन करने के लिए बजट में भी राशि का प्रावधान किया गया है.
राज्य न्यायिक अकादमी के लिए 50 लाख रूपए, राज्य अधिवक्ता संस्थान (लॉयर्स अकादमी) के लिए 10 लाख रूपए, अधोसंरचना विकास हेतु 53 करोड़ 30 लाख, न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण के लिए 18 करोड़ 27 लाख रूपए, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए 6 करोड़ रूपए तथा हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.