हेड कांस्टेबल की मौत का मामला: कांग्रेस के पूर्व विधायक ने सरकार और पुलिस को कटघरे में किया खड़ा, पूछ रहे पांडेय आखिर किस अफसर की प्रताड़ना से आदिवासी भाई मेश्राम ने मौत को गले लगाया जांच का विषय, इधर मृतक का दुखी बेटा बोला कि मेरे पापा.

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में हेड कांस्टेबल की आत्महत्या का मामला गर्मी का पारा चढ़ने के साथ काफी चर्चा में आ गया है वही अब इस घटना के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। आखिर किस वजह और किस अफसर के कारण आदिवासी वर्ग से आने वाले हेड कांस्टेबल ने ऐसा कदम उठाया यह सवाल एक रहस्य बन गया है जिसको लेकर विपक्ष के नेता और नगर के पूर्व कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय ने सवाल उठाया है।

पूर्व विधायक पांडेय ने पूछा.

•ग्रह मंत्री विजय शर्मा, बिलासपुर के आदिवासी वर्ग से हवलदार लखन मेश्राम की मौत पर ख़ामोश क्यों है। हवलदार की हत्या की गई है या आत्महत्या, पुलिस खुलासा करे किस अधिकारी की प्रताड़ना से हुई मौत और क्यों.

•सरकार जाँच पर लीपा पोती न कर ,न्याय करे आदिवासी भाई लखन मेश्राम और उनके परिवार के साथ.

• आरोप -पुलिस ने ही बिलासपुर को किया शर्मसार,IPS राहुल शर्मा की मौत कैसे हुई,आज तक बनी पहेली.

अभी कुछ ही देर पहले कांग्रेस नेता और नगर के पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने एक बयान जारी कर सरकंडा थाना में पदस्थ रहे हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम की आत्महत्या के मामले में बीजेपी सरकार और पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा किया है। पूर्व विधायक ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग से आने वाले स्वर्गीय लखन मेश्राम की की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुईं। श्री पांडेय ने अपने बयान में पूछा है कि भाई लखन को किस पुलिस अधिकारी ने ड्यूटी में प्रताड़ित किया और क्यों और उनकी की मौत हत्या है या आत्महत्या इसका खुलासा पुलिस क्यों नहीं कर रही है।

गृह मंत्री खामोश क्यों.

अपने बयान में पूर्व विधायक ने कहा कि बीजेपी सरकार के गृह मंत्री विजय शर्मा इस आदिवासी पुलिस कर्मचारी की मौत पर ख़ामोश क्यों है। पुलिस अधिकारी और कर्मचारी को दिनभर दबाव में नौकरी करनी पड़ती है सरकार के अधिकारियों द्वारा इस प्रकार का दबाव जो जानलेवा हो जाये ये बहुत ग़लत है। बीजेपी सरकार और इनके नेता दिन भर अपना प्रचार करते रहते है। मुख्यमंत्री आदिवासी है और इस प्रकार बिलासपुर में आदिवासी भाई की मौत पर बीजेपी सरकार मौन क्यों है इससे ऐसा लगता है कि आदिवासियों की झूठी हितेषी बन रही है साय सरकार

वही शैलेश पांडेय की मांग है कि सरकार को इसका खुलासा कर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करनी चाहिए। जाँच पर लीपा पोती न कर मृतक आदिवासी भाई और उसके परिवार के साथ न्याय कर परिजनों को उचित मुआवज़ा मिलना चाहिए।

इधर मृतक का बेटा बोला.

हेड कांस्टेबल मेश्राम के पीएम के वक्त दुखी उसके बेटे कृष्णकांत मेश्राम ने कहा कि उसके पिता ने थाने में कामकाज के दवाब के चलते आत्महत्या की है। वे घर में किसी भी बात को लेकर व्यथित नहीं रहते थे लेकिन कुछ दिनों से सरकंडा थाने से आने के बाद काफी परेशान नजर आते थे।

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