रायपुर। राजधानी में चेंबर ऑफ कॉमर्स के खिलाफ पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी ने रजिस्ट्रार फर्म सोसायटी और वाणिज्य मंत्री लखन देवांगन से शिकायत की है, उन्होंने आरोप लगाते हुए ये कहा है कि 27 अप्रैल को चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष द्वारा चेंबर भवन में विशेष आमसभा बुलाकर संविधान में संशोधन किए गए हैं. वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष को अमर पारवानी ने उनके आरोप को निराधार बताया है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी को लिखे पत्र में श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि आमसभा बुलाकर संविधान संशोधन किया गया हैं और क्या संविधान संशोधन किया गया है उसका न तो प्रकाशन किया गया है और न ही सूचना पत्र जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि, मेरे कार्यकाल में यह संशोधन लाया गया था कि चेम्बर के 3 महत्वपूर्ण पद जिसमें अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक पदाधिकारी नहीं रह सकता. हमारा उद्देश्य था की नए लोगों को इन तीन महत्वपूर्ण पदों पर पदाधिकारी बनने का अवसर मिले चूंकि आप 2 बार अध्यक्ष रह चुके हो इसलिए आप अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकते. इसलिए आपने चंद मुट्ठीभर लोगों को आमसभा में बुलाकर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए यह कृत्य किया है.
पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी ने आरोप लगते हुए कहा कि 25000 सदस्यों वाली संस्था की विशेष आमसभा चेम्बर भवन के बैठक हॉल में आहूत की गई जिसकी अधिकतम क्षमता 300 है. इसका मतलब साफ़ है की आपको यह जानकारी थी की इस विशेष आमसभा में 150 – 200 सदस्यों से अधिक लोग उपस्थित नहीं होंगे क्योंकि आपने सूचना ही उतने लोगों को दी थी. इस विशेष आमसभा में आपको कोई भी संविधान संशोधन करने का अधिकार इसलिए नहीं मिलता क्योंकि आपका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, संविधान आपको मात्र इस बात की इजाजत देता है की चुनाव कराने के लिए 3 माह का कार्यकाल बढ़ा सकते हैं.
चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी ने अपने सवालों का जवाब देने के लिए चेंबर के वर्तमान अध्यक्ष अमर परवानी से 7 दिन के अन्दर लिखित में जवाब मांगा है. उन्होंने संतोषजनक जवाब न मिलने पर न्यायलय जाने की चेतावनी भी दी है.
हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है – अध्यक्ष अमर पारवानी
इस पूरे मामले पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी के आरोपों को चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि सविधान में संशोंधन सारे नियम कानूनो को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इस संशोधन में चेंबर के गणमान्य सदस्यों की उपस्तिथि में किया गया है. हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है.